देहरादून ब्यूरो। इस सम्मेलन में पर्यावरणविद प्रो। रवि चोपड़ा ने कहा कि सरकारें गरीबों को सपना दिखाती हैं। हर योजना गरीबों के नाम पर शुरू होती है और अमीरों को लाभ पहुंचाती है। दून में चौड़ी सड़कों के लिए हजारों पेड़ों की बलि देने और 37 करोड़ की लागत से सिटी पार्क बनाने के औचित्य पर उन्होंने सवाल उठाया और कहा कि यह सिलसिला जारी रहा तो हर जगह जोशीमठ जैसा विनाश होगा।

ड्रेनेज सिस्टम फेल
देहरादून नगर निगम में कई जिम्मेदारियां निभा चुके हरीश नौडियाल ने कहा कि दून में ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह से फेल है। कभी साफ पानी की नदियां रहीे रिस्पना और बिंदाल ही अब थोड़ा बहुत ड्रेनेज सिस्टम को संभाल रही हैं। उनपर भी फ्लाईओवर बनाने की योजना बनाई जा रही है। चेतना आंदोलन के शंकर गोपालन ने कहा कि रिस्पना और बिंदाल पर फ्लाई ओवर बनाने का विरोध होगा। इससे एक ओर जहां इन दोनों नदियों का अस्तित्व पूरी तरह से खत्म हो जाएगा, वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में लोग बेघर हो जाएंगे।

साम्प्रदायिक सौहार्द पर चर्चा
उत्तराखंड महिला मंच की उपाध्यक्ष निर्मला बिष्ट चेतना आंदोलन की सुनीता, जन विज्ञान के विजय भट्ट और कमलेश खंतवाल सहित अनेक वक्ताओं ने पिछले कुछ वर्षों से लगातार साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे के प्रयासों का विफल करने की अपील की। वक्ताओं का कहना था कि कानून का राज पूरी तरह से खत्म हो रहा है। गुंडागर्दी की जा रही है। महिलाओं, मजदूरों, अल्पसंख्यकों का उत्पीेडऩ किया जा रहा है। सम्मेलन में बिज्जू नेगी, राकेश पंत, संजीव घिल्डियाल, गजेन्द्र बहुगुणा, सहित अनेक वक्ताओं ने अपनी बात रखी।

हर क्षेत्र में होंगे सम्मेलन
जन सम्मेलन में तय किया गया कि आने वाले दिनों में दून में हर क्षेत्र में इस तरह के सम्मेलन किये जाएंगे और कानून का राज स्थापित करने, महिलाओं, मजदूरों, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा।