देहरादून (ब्यूरो)। यह मामला जोगीवाला पुलिस चौकी का है। मोहकमपुर में एक घर में चोरी हो गई थी। मामले की शिकायत जोगीवाला पुलिस चौकी में की गई थी। जोगीवाला पुलिस घर में सफाई और बर्तन धोने का काम करने वाली नेहरू कॉलोनी निवासी मंजू नाम की महिला को पूछताछ के लिए उठाकर चौकी ले आई। आरोप है कि चौकी में महिला की बुरी तरह से पिटाई की गई। लात-घूंसों और जूतों से पीटने के साथ ही मंजू को करंट भी लगाया गया। गंभीर रूप से घायल मंजू को कोरोनेशन हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। मामला पुलिस के आला अधिकारियों तक तक पहुंचा तो एसएसपी ने चौकी इंचार्ज को सस्पेंड कर दिया था। अब आरोप लगाया जा रहा है कि महिला की स्थिति पूरी तरह ठीक न होने के बावजूद उसे डिस्चार्ज करने का प्रयास किया जा रहा है।

मंजू ने सुनाई आपबीती
मंजू का कहना है कि तीन महिला और पुरुष कांस्टेबल पिछले संडे को उनके घर आये थे। घर पहुंचते ही पुलिस वालों ने उनके साथ गाली-गलौच की और घर पर ही पिटाई की। इसके बाद उसे पुलिस चौकी ले गये। पुलिस चौकी में सभी पुलिस वालों ने उनके साथ बेरहमी ने मारपीट की। उनके ऊपर बर्फ डालने से लेकर करंट लगाने तक की ज्यादातियां की गई। लात, घूंसों और जूतों से पीटा गया। बुरी तरह पिटाई और करंट लगाने के कारण जब उनकी हालत बिगडऩे लगी तो पुलिस वालों ने घर पर छोड़ दिया। परिवार वालों ने उसे कोरोनेशन हॉस्पिटल में भर्ती करवाया।

एसएसपी से की शिकायत
इस बीच कई संगठनों के लोगों ने कोरोनेशन हॉस्पिटल में जाकर मंजू से बातचीत की। महिला से मिलने के बाद प्रदेश यूथ कांग्रेस के सचिव लक्की राणा से एसएसपी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि इस मामले में पुलिस के छवि को धूमिल करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए और आम लोगों को भी की गई कार्रवाई से अवगत कराया जाए, ताकि पुलिस का लोगों के प्रति भरोसा बना रहे।

जबरन डिस्चार्ज करने का प्रयास
हॉस्पिटल में मंजू से मिलने वालों में अभिषेक तिवारी, विजय प्रसाद भट्टाराई, रतन सिंह रावत, नवीन सिंह, संदीप कुमार आदि मौजूद थे। लक्की राणा का आरोप है कि मंजू की स्थिति अभी ठीक नहीं है, लेकिन उसे डिस्चार्ज करवाने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्हें आशंका है कि ऐसा पुलिस वालों के दबाव में किया जा रहा है।
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