देहरादून, (ब्यूरो): करीब तीन महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया है, अब तक अप्रवासी प्रकोष्ठ को लेकर न कोई बैठक हो पाई, न अप्रवासियों के एसोसिएशंस से संपर्क साधा जा सका। 8 व 9 दिसंबर को दून में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का आयेाजन हुआ। इससे पहले पूंजी निवेश के लिए प्रदेश सरकार ने देश के तमाम शहरों व विदेशों में मौजूद उद्योगपतियों के साथ करार किए। खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कई रोड शो किए। वे खुद ब्रिटेन तक गए। जहां उनकी मौजूदगी में हजारों, करोड़ों के इन्वेस्टमेंट के करार हुए। जब सीएम अक्टूबर महीने में ब्रिटेन के बर्मिंघम में पहुंचे। उस वक्त अप्रवासी उत्तराखंडियों ने सीएम से मुलाकात की। कई मुद्दे साझा किए। इसके बाद जब सीएम वापस लौटे तो उन्होंने उत्तराखंड में अप्रवासी सेल के गठन का ऐलान किया। जिससे अप्रवासियों के साथ समन्वय बनाया जा सके।

इनको किया गया शामिल


-सचिव नियोजन आर। मीनाक्षी सुंदरम।
-सचिव उद्योग विनय शंकर पांडे
-सचिव आईटी शैलेश बगोली
-पूर्व डायरेक्टर इंडस्ट्रीज सुधीर नौटियाल

सचिवालय में ऑफिस जरूर आवंटित


सीएम की घोषणा के बाद अपर मुख्य सचिव (एसीएस) ने अप्रवासी सेल के गठन को लेकर मंजूरी देते हुए आदेश जारी किए। तीन सचिवों के साथ एडीजी इंटेलीजेंस व पूर्व डायरेक्टर इंडस्ट्रीज को शामिल किया गया। इस प्रकोष्ठ की मंजूरी एसीएस की अध्यक्षता में दी गई। अप्रवासी प्रकोष्ठ के गठन को करीब 3 महीने पूरे हो चुके हैं। लेकिन, अब तक इस पर कदम आगे नहीं बढ़ पाए हैं। बताया जा रहा है कि सरकार की ओर से प्रकोष्ठ के लिए सचिवालय में ऑफिस आवंटित जरूर कर दिया गया है। अभी काफी काम होना बाकी है।

ये किया गया था दावा


अप्रवासी प्रकोष्ठ के गठन को लेकर दावा किया जा रहा था कि विदेशों में बड़ी संख्या में उत्तराखंड मूल के नागरिक रहते हैं। वे विदेशी मुल्कों की नागरिकता ले चुके हैं। विदेशों में वे अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े हैं। प्रकोष्ठ के गठन से विदेशों में बसे अप्रवासी उत्तराखंडियों को अपने विषयों को रखने का एक मंच मिल सकेगा। सरकार भी राज्य के विकास में उनका सहयोग ले सकेगी।

सचिवालय में ऑफिस, स्टाफ व कम्प्यूटर

बताया जा रहा है कि पोर्टल के लिए आईटीडीए से डोमेन परचेज कर लिया गया है। लेकिन, अब तक पोर्टल तैयार नहीं हो पाया है। इस वजह से एनआरआई के रजिस्ट्रेशन की शुरुआत भी नहीं हो पाई है। एनआरआई एसोसिएशंस से अब तक प्रकोष्ठ की कोई बात तक नहीं हो पाई है। इसके अलावा ऑफिस में स्टाफ व कंप्यूटर तक आवंटित नहीं हो पाए हैं। सूत्रों के अनुसार इन्वेस्टमेंट प्रमोशन के लिए इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की ओर से बजट आवंटित किया जाना था। लेकिन, अब तक बजट भी आवंटित नहीं हो पाया। जिस कारण अप्रवासी प्रकोष्ठ पर बीते तीन माह से कदम नहीं बढ़ पाए हैं। इस बारे में जब प्रकोष्ठ के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, कोई भी कुछ बोलने से बचते नजर आए।

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