-बर्फबारी के बीच स्थानीय लोगों ने किए टिम्मरसैंण महादेव के दर्शन

-7 से शुरू, 30 अप्रैल तक जारी रहेगी टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा

देहरादून, आपने भले ही अमरनाथ यात्रा के दौरान बाबा बर्फानी के दर्शन किए होंगे। लेकिन, उत्तराखंड के चमोली जिले के नीति घाटी में स्थित टिम्मरसैंण महादेव के दर्शन भी यहां पहुंचने वाले यात्री कुछ ऐसे ही मानकर कर रहे हैं। यहां यात्रा बीती 7 अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल तक जारी रहेगा। खास बात ये है कि यहां पहुंचने वाले यात्री टिम्मरसैंण में बाबा बर्फानी का दूसरा अवतार मान रहे हैं।

शीतकाल में 10 फीट का आकार

सीमांत जनपद चमोली के जोशीमठ ब्लॉक की नीति घाटी के आखिरी गांव से करीब एक किमी पहले टिम्मरसैंण में पहाड़ी पर स्थित गुफा के अंदर विराजमान हैं शिवलिंग। इस पर पहाड़ी से टपकने वाले जल से हमेशा अभिषेक होता रहता है। इसी शिवलिंग के पास बर्फ पिघलने के दौरान प्रतिवर्ष बर्फ एक शिवलिंग अपना आकार लेता है। अब यह शिवलिंग बर्फानी बाबा यानि टिम्मरसैंण महादेव के नाम से जाने लगे हैं। खुद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के सीमांत जनपद चमोली की नीति घाटी स्थित टिम्मरसैंण में बाबा बर्फानी एक स्वयंभू शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं। हर वर्ष शीतकाल में बर्फ से 10 फीट से ऊंचा शिवलिंग आकार लेता है। कहा जाता है कि इस जगह पर भगवान शिव ने अपनी कैलाश यात्रा के दौरान रात्रि विश्राम किया था। इसलिए इस स्थान को सौसा महादेव के नाम से भी जाना जाता है।

अब अनुमति की जरूरत नहीं

पर्यटन मंत्री के अनुसार अब श्रद्धालुओं को प्रतिबंधित क्षेत्र नीति घाटी जाने के लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। साफ है कि अब श्रद्धालु आसानी से टिम्मरसैंण महादेव की यात्रा कर शिव के दर्शन कर सकते हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार ने यात्रियों का स्वागत भी किया है। जिला पर्यटन अधिकारी बिजेंद्र पांडेय के अनुसार प्रशासन की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन के तहत ही यात्रा का आयोजन किया जा रहा है।

-यात्रा को कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन जरूरी।

-सुराईथोटा चैकपोस्ट पर करना होगा रजिस्ट्रेशन।

-बर्फबारी के दौरान दो दिन में स्थानीय लोगों ने ही किए बाबा बर्फानी के दर्शन

-देश-विदेश के तीर्थ यात्रियों के लिए टिम्मरसैंण की यात्रा की तैयारियां पूरी।