देहरादून(ब्यूरो) ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट उत्तराखंड के व्यंजनों की ब्रांङ्क्षडग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। यहां के पारंपरिक व्यंजनों को आधुनिकता का समावेश करते हुए सम्मेलन के दौरान मेहमानों को परोसा जाएगा। सरकार की इस पहल से यहां के व्यंजनों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी। यही नहीं, मिलेट, यानी मोटे अनाज के व्यंजनों को भी मैन्यू में शामिल किया गया है। मेहमान बाजरे की रोटी व खिचड़ी, पहाड़ी तड़के वाली दाल, पहाड़ी पालक की काफली का स्वाद लेंगे। मीठे में मंडुवे व अखरोट का हलवा, झंगोरे की खीर जैसे व्यंजनों का लुत्फ उठाएंगे।

यह होगा दो दिन का मैन्यू
8 दिसंबर- पल्लर, लाल अंबाड़ी के फूल का शरबत, मीठी मठरी, ढोकला, कुरकुरी ङ्क्षभडी, दही चुकंदर, चिलगोजा काफली पनीर, सूखे घुइयां आलू, पहाड़ी मूली व शलगम, उत्तराखंडी कढ़ी, तड़के वाली दाल (तोर दाल, पहाड़ी मिर्च, जख्या), बाजरा खिचड़ी, बाजरे की रोटी, नाचनी रोटी, फुल्का, मीठी थेपला, तिल, कुमाऊंनी व लहसुन की चटनी, भरवा मिर्च का अचार, मंडुवे व अखरोट का हलवा, झंगोरे की खीर, अल्मोड़ा की ङ्क्षसगोरी, नारियल का फूल।

9 दिसंबर:- पल्लर, लाल अंबाड़ी के फूल का सरबत, पतूड़ा, ढोकला, कुरकुरी ङ्क्षभडी, दही ककड़ी, फलदारी कोफ्ते, कुमाऊंनी खट्टा-मीठा कद्दू, पहाड़ी पालक की काफली, उत्तराखंडी कढ़ी, बाजरा खिचड़ी, बाजरे की रोटी, नाचनी रोटी, फुल्का, मीठी थेपला, तिल, कुमाऊंनी व लहसुन की चटनी, भरवा मिर्च का अचार, अंजीर और बादाम का हलवा, कुमाऊंनी बाल मिठाई, केसरी आंवले का मुरब्बा, झंगोरे की खीर।

350 कलाकार बिखेरेंगे लोक संस्कृति के रंग
डेस्टिनेशन उत्तराखंड निवेशक सम्मेलन में उत्तराखंडी लोक संस्कृति के रंग भी खूब बिखरेंगे। सम्मेलन के लिए 20 सांस्कृतिक दलों के 350 से ज्यादा कलाकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत अतिथियों के स्वागत में कतारबद्ध होंगे, जबकि उद्घाटन पर 30 कलाकार मांगल गीत Óदैणा हूंया खोलि का गणेशा।।।Ó की प्रस्तुति देंगे। शाम को सांस्कृतिक संध्या में गढ़वाली, कुमाऊंनी व जौनसारी लोकगीत-नृत्य की छटा बिखरेगी।


मांगल गीत से होगा कार्यक्रम का शुभारंभ
उत्तराखंड की परंपरा के अनुसार किसी भी मांगलिक व शुभ कार्य के अवसर पर मांगल गीत गाए जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे, तब यहां के सांस्कृतिक दलों के चयनित 30 कलाकारों का दल मांगल गीत दैणा हूंया खोलि का गणेशा की प्रस्तुति देंगे। संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट के अनुसार निवेशक सम्मेलन में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। सम्मेलन में आने वाले अतिथि इनके माध्यम से यहां की सांस्कृतिक थाती से परिचित होंगे। शुक्रवार को आयोजित सांस्कृतिक संध्या की अवधि 45 मिनट निर्धारित की गई है।

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