देहरादून (ब्यूरो)। हरिद्वार या ऋषिकेश से डेली बेसिस पर हजारों लोगों का आना-जाना है। दोनों जगह से ट्रैफिक भानियावाला में मिल जाता है। यहां से जोगीवाला तक ट्रैफिक की रफ्तार नहीं रुकती लेकिन, जोगीवाला में एंटर होते ही ट्रैफिक बॉटल नेक में फंस जाता है। कई बार यहां वाहनों की लंबी कतार पार करते-करते काफी वक्त बरबाद हो जाता है।

रिस्पना पुल फिर रोक देता है स्पीड
ट्रैफिक की रफ्तार में दूसरी बड़ी बाधा रिस्पना चौक में सामने आती है। यहां लंबा जाम लग जाता है। दिन भर ट्रैफिक का प्रेशर इस चौराहे पर रहता है। शाम के समय दबाव और बढ़ जाता है।

बाईपास फोरलेनिंग पेंडिंग
अगर हम रिस्पना पुल से आईएसबीटी की बात करें तो अजबपुर खुर्द रेलवे ओवरब्रिज तक भी जाम है और उसके बाद भी जाम है। अजबपुर खुर्द के बाद जो फोरलेन सड़क बननी है, उस सड़क के समय से न बनने के कारण क्षेत्र में काफी जाम लगता है। जितना समय हरिद्वार से देहरादून आने में लग रहा है, उतना ही समय रिस्पना पुल से देहरादून के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पहुंचने में लग रहा है।

दूरी और समय का गणित
यहां से यहां तक डिस्टेंस टाइम
हरिद्वार से दून 48 किमी 57 मिनट
रिस्पना से आईएसबीटी 6 किमी 21 मिनट
रिस्पना से राजपुर रोड 11 किमी 31 मिनट

स्पीड हो जाती है आधी से भी कम
हरिद्वार से दून पहुंचने में 48 किमी का सफर करीब 57 मिनट में पूरा हो जाता है। वहीं रिस्पना से राजपुर रोड तक की दूरी 11 किमी है स्पीड पहले की तरह रही तो ये सफर महज एक चौथाई समय यानि 14 मिनट में पूरा हो जाना चाहिए, लेकिन जाम और अन्य वजहों के कारण इस दूरी को तय करने में दोगुना समय लग जाता है। जाहिर, है वाहनों की रफ्तार आधी रह जाती है।

जाम के तीन बड़े कारण
- एन्क्रोचमेंट
- इलीगल पार्किंग
- डेवलपमेंट वर्क्स

यह हो सकता है समाधान
- हाईवे और रोड साइड एन्क्रोंचमेंट हटे
- सड़कों की दशा सुधारी जाए, वे गड्ढामुक्त हों
- बड़े नाले किए जाएं कवर
- फुटपाथ का किया जाए निर्माण
- हैवी व्हीकल्स को किया जाए डायवर्ट
- मैनेज तरीके से किए जाएं स्मार्ट सिटी के काम
- सड़क किनारे पार्किंग पर लगे लगाम