-तमाम संस्थाओं ने आंदोलन की प्लान किया तैयार

-संडे से विरोध का ऐलान, चिपको आंदोलन से होगी शुरुआत

देहरादून, जौलीग्रांट एयरपोर्ट को इंटरनेशनल लेवल का बनाए जाने के लिए एक्सटेंशन का काम जारी है। लेकिन इसके साथ ही विरोध के स्वर भी गूंजने लगे हैं। तमाम संस्थाओं, प्रकृति प्रेमियों व बुद्धिजीवियों ने अपना विरोध जताते हुए इसके विरोध में किसी हद तक लड़ाई लड़ने का ऐलान तक कर दिया है। बाकायदा, कुछ संस्थाओं ने तो आगामी 18 अक्टूबर को थानों में सांकेतिक तौर पर चिपको आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। इधर, संडे को सिटी में मैड के नेतृत्व में कई संस्थाओं ने विरोध प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। यहां तक कि कुछ संस्थाओं ने चेतावनी अंदाज में कहा है कि जरूरत पड़े तो वे कोर्ट जाने तक जाने को तैयार हैं।

पर्यावरण व वाइल्डलाइफ को होगा नुकसान

जौलीग्रांट एयरपोर्ट राज्य का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है। जहां से दूसरे शहरों के लिए कनेक्टिविटी है। लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ते देख व सीमांत क्षेत्र होने के नाते सामरिक दृष्टि महत्वपूर्ण मानते हुए एयरपोर्ट को इंटरनेशल लेवल के बनाए जाने के प्रयास शुरू हो चुके हैं। केंद्र व राज्य सरकारें इस पर जुटी हुई हैं। जिसके लिए स्टेट गवर्नमेंट की ओर से भूमि उपलब्ध भी कराई जा चुकी हैं। लेकिन एयरपोर्ट के इस विस्तारीकरण में अब बाधाएं आती दिख रही हैं। इसके लिए विरोध शुरू हो चुकी हैं। विरोध करने वालों का कहना है कि विकास के साथ नेचुरल हेरिटेज का भी विनाश हो रहा है। जिसका विरोध किया जाएगा। विरोध करने वाली संस्थाओं में फिलहाल सिटीजन फॉर ग्रीन दून व मैड संस्थाएं सामने आई हैं। इन संस्थाओं ने दूसरी संस्थाओं को भी साथ में लेकर आंदोलन की रणनीति तैयार कर ली है। यहां तक कोर्ट भी जाने की तैयारी की जा रही है।

विरोध की वजह

-विरोध की सबसे बड़ी वजह करीब 10 हजार पेड़ कटेंगे।

-इन हरे-भरे पेड़ों में कई ब्रिटिशकालीन पेड़ होने का दावा।

-फ्लोरा और फुना को पहुंचेगा खासी नुकसान।

-पड़ोस में राजाजी पार्क का हिस्सा।

-लेपर्ड, हाथी, डीयर जैसे वाइल्ड एनिमल्स का मूवमेंट।

-करीब 243 एकड़ लैंड होगी एक्वायर।

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कई संस्थाएं हो रही एकजुट

सिटीजन ग्रीन फॉर दून के मेंबर हिमांशु अरोड़ा के मुताबिक उनके साथ मिट्टी फाउंडेशन, सिटी फॉर क्लाइमेट चेंज, तमाम युवा जुड़ रहे हैं। इसके लिए मैड के प्रमुख करन बताते हैं कि उनके साथ तारा फाउंडेशन, बीईग दियर दून दैट, डू नो ट्रेश जैसी संस्थाओं के अलावा सोशल एक्टिविस्ट व पर्यावरणविद् का सहयोग लिया जा रहा है।

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संडे को चिपको आंदोलन

सिटी फॉर ग्रीन दून के मेंबर हिमांशु अरोड़ा ने बताया कि दस हजार पेड़ों के कटने के विरोध में 18 अक्टूबर को 12 बजे थानो वन में सांकेतिक चिपको आंदोलन शुरू किया जाएगा। जहां पेड़ों की रक्षा के संबंध में रक्षासूत्र भी बांधने के साथ पेड़ों को बचाने की शपथ ली जाएगी। इसी दौरान आगे की लड़ाई की स्ट्रेटजी भी प्लान की जाएगी। संस्था की ओर से आह्वान किया गया है कि दून की हरियाली को बचाना है तो पर्यावरण प्रेमी थाने पहुंचे।

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ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान शुरू

सिटी फॉर ग्रीन दून ने तो ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया है। जिसको पीएम से लेकर सीएम तक भेजने की तैयारी भी है। इसके लिए सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है।

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10 अक्टूबर को सचिव ने सीएम से की थी भेंट

बीती 10 अक्टूबर को केंद्र केन्द्रीय नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप खरोला ने सीएम से भेंट की थी। इस दौरान हवाई सेवाओं के विस्तार के साथ ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट के इंटरनेशनल मानकों के साथ विस्तार किए जाने पर भी मंथन हुआ था।

इन पर हुआ था मंथन

-एयरपोर्ट में नाइट पार्किंग को लेकर भी चर्चा।

-सरकार की एयरपोर्ट एक्सटेंशन के लिए भूमि उपलब्ध कराने पर सैद्धांतिक सहमति।

-सीमांत क्षेत्र होने के नाते सामरिक दृष्टि एयरपोर्ट को इंटरनेशल लेवल का बनाया जाना महत्वपूर्ण।

- इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कार्ययोजना भी तैयार।

-केंद्रीय सचिव ने दिया था आश्वासन, एयरपोर्ट एक्सटेंशन का काम तेजी से।

-फ‌र्स्ट फेज में करीब 80 परसेंट काम हो चुका है पूरा।

वर्जन

हम विकास के विरोधी नहीं, लेकिन सस्टेनेबल विकास चाहते हैं। पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। इसके लिए कोर्ट तक जाना पड़े, पीछे नहीं हटेंगे। मूवमेंट को तेजी से बढ़ाया जाएगा।

करन, मैड प्रमुख।

एयरपोर्ट के एक्सटेंशन में दस हजार हरे पेड़ों पर आरी चलने का पुरजोर विरोध होगा। इसके लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। संडे से सांकेतिक चिपको आंदोलन के साथ शुरुआत की जा रही है। जरूरत पड़ी तो अदालत तक जाने से नहीं हिचकिचाएंगे।

हिमांशु अरोड़ा, मेंबर, सिटीजन फॉर ग्रीन दून।