देहरादून (ब्यूरो) वर्ष 2019 में जिस वक्त इस वेंडिंग जोन की ओपनिंग हुई थी। उस वक्त तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, मेयर सुनील उनियाल गामा ने इस वेंडिंग जोन को दून सिटी के लिए रोल मॉडल माना था। कहा था कि ऐसे ही वेंडिंग जोन सिटी के दूसरे इलाकों में बनाए जाएंगे। यहां तक कि इस वेंडिंग जोन को मेट्रो सिटीज का पैटर्न बताया था। इस दौरान बाकायदा, वेंडर्स को स्मार्ट कार्ट यानि कलरफुल ठेलियां उपलब्ध कराई गई थीं। इसके लिए वेंडर्स की संख्या भी सीमित रखी गई थी। लेकिन, 5 सालों में वेंडिंग जोन पुलिस व आम लोगों के लिए मुसीबत बन गया है।

वेंडिंग जोन का मकसद
नगर निगम प्रशासन ने सिटी में वेंडिंग जोन बनाने के जो प्रयास किए थे। उसका मकसद तमाम इलाकों में सड़कों पर लगने वाले ठेली, रेहड़ी व फड़ को एक स्थान दिलवाना था। जिससे ट्रैफिक में किसी प्रकार की दिक्कत न आए और आम लोगों को सहूलियत के साथ एक ही स्थान पर सब्जियों की खरीदारी के अलावा फ्रूट्स भी मिल जाएं। लेकिन, अब तक नगर निगम के ये प्रयास रंग नहीं ला पाए। हाल ऐसा ही कैंट बोर्ड का भी रहा। कैंट क्षेत्र में भी वेंडिंग जोन हवा-हवाई सपने दिखाए गए।

वेंडर्स की संख्या 150 तक
स्थानीय लोगों की मानें तो 6 नंबर पुलिया में बनाए गए वेंडिंग जोन के शुरुआत में सीमित संख्या में वेंडर्स को स्मार्ट कार्ट अलॉट किए गए थे। लेकिन, अब ये संख्या डेढ़ सौ तक पहुंच गई है। निगम की ओर से अलॉट किए गए स्मार्ट कार्ट टूटे-फूटे व आड़े-तिरछे नजर आने लगे हैं। शाम के वक्त यहां सब्जी की खरीदारी के लिए उमडऩे वाली भीड़ व वाहनों से ट्रैफिक संचालन में दिक्कत आ जाती है।

वेंडिंग जोन से होने वाली दिक्कतें
-वेंडिंग जोन के सामने चौराहा।
-चौराहे से रायपुर, जोगीवाला व धर्मपुर के लिए वाहनों की आवाजाही।
-चौक के सामने स्कूल व कई सरकारी विभागों के ऑफिस।
-हर वक्त रहता है वाहनों का सुबह शाम मूवमेंट।
-वेंडिंग जोन के सामने कई मॉल्स भी खुलने से बढ़ी भीड़।

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