- भारी बारिश से दून में एक मकान ढहा, झोपड़ी बही

- कहीं पानी भरा तो कहीं सड़कें धंसने से हुई परेशानी

देहरादून

पिछले 24 घंटे के दौरान हुई तेज बारिश के कारण कालसी में इच्छाड़ी डैम की टनल में गये दो मजदूर लापता हो गये हैं। मजदूरों को रेस्क्यू करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा दून में एक मकान ढहने और झोपड़ी की बह जाने की सूचना मिली है। कुछ जगहों पर सड़कें धंस गई हैं और जगह-जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है।

मजदूरों का नहीं चला पता

कालसी में इच्छाड़ी डैम की टनल में दो मजदूरों के लापता हो जाने की सूचना दून स्थिति कंट्रोल रूम को संडे दोपहर 1.35 बजे मिली। कंट्रोल रूम को बताया गया कि दोनों मजदूर कल टनल में काम करने गये थे। तब से वापस नहीं लौटे हैं। इसकी सूचना तुरंत एसडीआरएफ और अन्य विभागों को दी गई। एसडीआरएफ की टीम 2 बजे मौके के लिए रवाना हुई। मौके पर पहुंचकर लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन फिलहाल दोनों मजदूरों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। एसडीआरएफ के सूत्रों के अनुसार अंधेरा हो जाने के कारण रेस्क्यू अभियान चलाने में परेशानी आ रही है।

मकान ढहा, झुग्गी बही

देहरादून में इस दौरान सहसपुर के चांदपुर गांव में एक पक्का मकान ढह गया। हालांकि इससे कोई हताहत नहीं हुआ। लेकिन, घर में रखा राशन और खाने-पीने का सामान खराब हो गया। राजस्व कानूनगो को इस संबंध में सूचना देने के लिए कहा गया है। उधर रायपुर के कंडोली में तेज बारिश के कारण नदी का पानी बढ़ने से एक झोपड़ी बह गई। हालांकि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई।

कहीं पेड़ गिरा, कहीं बिजली पोल

परेड ग्राउंड स्थित जल संस्थान ऑफिस परिसर में एक पेड़ गिर गया। पेड़ गिरने से बिजली लाइन टूट गई। वन विभाग और बिजली विभाग की टीम ने पेड़ हटाकर बिजली सप्लाई शुरू कर दी है। रेसकोर्स में एक दीवार गिरने से बिजली का पोल क्षतिग्रस्त हो गया और इलाके में बिजली सप्लाई बाधित हुई।

कई जगह सड़कें धंसी

अलग-अलग कामों के लिए हाल के दिनों में खोदी गई सड़कें कई जगह धंस गई हैं। हरिद्वार बाईपास पिछले दिनों सीवर लाइन और गैस पाइप लाइन डालने के लिए खोदा गया था। पिछले दिनों इसकी रिपेयरिंग की गई थी, बारिश के कारण कारगी चौक पर एक जगह सड़क धंस गई और गहरा गड्ढा हो गया। एक्सीडेंट न हो इसके लिए गड्ढे में पुलिस ने पेड़ की बड़ी टहनी लगा दी। डीएससीएल के कामों के लिए खोदी गई सड़कें भी कई जगह खतरनाक हो गई हैं।