- यूजीसी ने तय किए फेलोशिप के नियम
- फेलोशिप के लिए नौकरीपेशा लोगों के आवेदन भी किए रिजेक्ट
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DEHRADUN: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने अपनी विभिन्न फेलोशिप योजनाओं के लिए कैंडिडेट्स को शॉर्टलिस्ट करने के मानदंडों में बदलाव किया है। हाल ही में जारी की गई जानकारी के अनुसार यूजीसी अब नौकरीपेशा लोगों द्वारा फेलोशिप के लिए आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। इसके अलावा ऐसे कैंडिडेट्स जो पहले से किसी फेलोशिप का लाभ ले रहे हैं उनके आवेदनों को भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
कार्यालय में कर सकते हैं संपर्क
यूजीसी ने फेलोशिप स्कीम के लिए कैंडिडेट्स को शॉर्टलिस्ट करने के मानदंड जारी किए हैं। हाल ही में आयोग द्वारा फेलोशिप के लिए जारी की गई उम्मीदवारों की सूची में भी ऐसे कैंडिडेट्स को जगह नहीं दी गई, जो नौकरीपेशा थे। यूजीसी के अनुसार उन उम्मीदवारों के आवेदनों पर विचार नहीं किया गया जो नौकरीपेशा हैं या किसी अन्य फेलोशिप का लाभ ले रहे हैं। हालांकि आयोग द्वारा जारी की गई फेलोशिप सूची में स्थान नहीं बना पाए कैंडिडेट्स को अपना पक्ष रखने का मौका दिया है। आयोग के मुताबिक ऐसे उम्मीदवार जो शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की सूची में नहीं हैं, वे यूजीसी कार्यालय में अपना पक्ष रख सकते हैं।
पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप फॉर वूमेन
मिनिमम मार्क्स परसेंट
- सामान्य : (यूजी-म्0, पीजी-म्0)
- अनुसूचित जाति : (यूजी-म्0, पीजी-म्0)
- अनुसूचित जनजाति : (यूजी-म्0, पीजी-म्0)
- ओबीसी : (यूजी-म्0, पीजी-म्0)
- दिव्यांग : (यूजी-भ्0, पीजी-भ्भ्)
पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप फॉर कैटेगरी कैंडिडेट्स
मिनिमम मार्क्स परसेंट
- अनुसूचित जाति : (यूजी- म्0, पीजी-म्0)
- अनुसूचित जनजाति : (यूजी- म्0, पीजी-म्0)
- दिव्यांग : (यूजी-भ्0, पीजी-भ्भ्)
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यूजीसी ने यह फैसला ऐसे कैंडिडेट्स को फायदा पहुंचाने के लिए लिया है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। नौकरीपेशा लोगों को आर्थिक परेशानियां नहीं होती। लेकिन इस फैसले से जरूरतमंद स्टूडेंट्स निश्चित रूप से लाभांवित होंगे।
--- प्रो। वीके जैन, वाइस चांसलर, दून यूनिवर्सिटी