- अनलॉक-3 में दून में एंट्री के रूल्स सबसे अलग

- पैसे लेकर लोकल रजिस्ट्रेशन करने वालों को प्रशासन ने खदेड़ा

- सिटी में एंट्री के लिए दिन भर भूखे प्यासे भटक रहे लोग

देहरादून

अनलॉक-3 के दौर में बेशक आप पूरा देश घूम लें, लेकिन दून में एंट्री कर पाना आसान नहीं है। हालांकि आपके पास किसी की सिफारिश है तो आपके लिए रास्ता निकाला जा सकता है। यदि आपने पहले से ही फुल हो चुके ऐप में रजिस्ट्रेशन नहीं किया है और आपके पास किसी बड़े नेता या अधिकारी की सिफारिश भी नहीं है तो आप दून नहीं आ सकते।

दून में अलग नियम

आमतौर पर देश के किसी भी हिस्से में जाने के लिए अपने डिस्ट्रिक्ट से पास लेना होता है। यह पास जहां तक के लिए होता है, वहां तक जाया जा सकता है। लेकिन, देहरादून में ऐसा कोई पास नहीं चल रहा है। दून में एंट्री करनी है तो जरूरी है कि देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड के ऐप में रजिस्ट्रेशन करें। दिक्कत यह है कि इस ऐप पर एक दिन में एंट्री के लिए केवल 1500 लोगों की लिमिट रखी गई है, जबकि हर रोज 3000 से ज्यादा लोग दून पहुंच रहे हैं।

क्या हो रहा आशारोड़ी में

देहरादून आने के लिए यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों से हर लोग हजारों की संख्या में सिटी के बॉर्डर आशारोड़ी पहुंच रहे हैं। यहां से केवल उन्हीं लोगों को सिटी में एंट्री दी जा रही है, जिन्होंने डीएससीएल के ऐप पर रजिस्ट्रेशन किया है। जबकि, आशारोड़ी पहुंचने वालों की संख्या इससे दोगुनी है। ऐसे में बाकी लोगों को या तो सिफारिश करके सिटी में एंट्री करनी पड़ रही है या फिर वापस लौटना पड़ रहा है।

दलालों को खदेड़ा

दून में एंट्री न मिलने की लोगों की मजबूरी का फायदा दलालों ने भी उठाने की कोशिश की। बताया जाता है कि कुछ लोग लैपटॉप लेकर आशारोड़ी में ढाबों में बैठकर ऐप पर रजिस्ट्रेशन कर रहे थे। प्रशासन तक इसकी शिकायत पहुंची तो उन्हें वहां से खदेड़ दिया गया। हालांकि ऐप में 7 दिन तक के लिए एंट्री रजिस्ट्रेशन फुल हो जाने के बाद ये दलालों का धंधा भी बंद हो गया था।

सिफारिश से मिली एंट्री

हरियाणा के गुरुग्राम का पास लेकर एक परिवार छोटे बच्चे के साथ सैटरडे दिन में 10 बजे के करीब आशारोड़ी पहुंचा, लेकिन इस परिवार को रोक दिया गया। करीब 3 घंटे तक उमस में ये परिवार बच्चे को लेकर भटकता रहा। बाद में किसी की सिफारिश के बाद परिवार को बैरियर पार करने दिया गया।

मां के साथ आया, फंसा रहा

एक युवक हरियाणा के सोनीपत से स्कूटर पर अपनी मां के साथ पहुंचा था। उसे अपनी मां को अजबपुरखुर्द में अपनी बहन के पास छोड़कर वापस लौटना था। यु़वक कई घंटे तक आशारोड़ी में पुलिस वालों और अन्य कर्मचारियों को अपनी मजबूरी बताता रहा, लेकिन उसे रास्ता नहीं मिला। यु़वक को आखिरकार वापस लौटना पड़ा।

पंजाब से आया, वापस लौटा

पंजाब के भटिंडा से दो लोग किसी जरूरी काम से कार पर आये थे। उन्हें कुछ ही घंटे बाद वापस लौट जाना था, लेकिन आशारोड़ी से सिटी में एंट्री की इजाजत नहीं मिल पाई। गुरविन्दर ने बताया कि भटिंडा से बनाये गये पास पर वह महाराष्ट्र तक हो आया है। लेकिन देहरादून में नहीं आने दिया जा रहा है।

दून का पास सब जगह मंजूर

देहरादून में बेशक किसी दूसरे स्टेट का पास मंजूर न किया जा रहा हो, लेकिन डीएससीएल का पास सभी जगह चल रहा है। इस पास पर लोग अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंच रहे हैं।

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दून को कोविड-19 से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। 15 सौ लोगों की शर्त इसीलिए रखी गई है। लोगों को इसमें सहयोग करना चाहिए। बिना रजिस्ट्रेशन करवाये नहीं आना चाहिए।

गोपाल राम बिनवाल

एसडीएम, सदर, देहरादून