देहरादून (ब्यूरो) खास बात यह है कि इन दंगों व उपद्रव में किसी की मृत्यु या अंगभंग होने पर भी उपद्रवियों से ही अर्थदंड वसूला जाएगा। यह राशि 2 लाख से 8 लाख रुपये तक होगी। इस तरह के मामलों की सुनवाई व दावा अभिकरणों में होगा, जो सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में बनाया जाएगा। इसके लिए कैबिनेट ने उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश को स्वीकृति प्रदान कर दी है। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद अध्यादेश को राजभवन भेज दिया गया है। राज्यपाल से अनुमोदन के बाद इस कानून को लागू कर दिया जाएगा।

एक माह में जमा करनी होगी रकम
दंगे का आरोप तय होने पर संबंधित व्यक्ति को एक माह के भीतर क्षतिपूर्ति जमा करनी होगी। यह कार्यवाही दावा आयुक्त करेंगे। दावा आयुक्त, एडीएम स्तर तक के अधिकारी को बनाया जाएगा। क्षतिपूर्ति जमा न करने वालों को भू राजस्व की वसूली की भांति नोटिस भेजकर कुर्की की कार्यवाही भी अमल में लाने की व्यवस्था इस अध्यादेश में की गई है।

गंभीर चोट पर भी मुआवजा
धरना प्रदर्शन या उपद्रव के दौरान व्यक्ति की मृत्यु या अंगभंग होने पर भी क्षतिपूर्ति की व्यवस्था इस कानून में की गई है। नेत्र ²ष्टि, श्रवण शक्ति, अंगभंग होने, सिर या चेहरे का विद्रूपण आदि को निशक्तता के दायरे में रखते हुए क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया। नेतृत्व करने वाले भी इसके दायरे में होंगे।

अध्यादेश की खास बातें
-कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद अध्यादेश भेजा राजभवन।
-दंगा नियंत्रण में सरकारी अमले व अन्य पर खर्च की भी होगी वसूली।
- गंभीर चोट पर भी मुआवजा दिया जाएगा, जो दंगाइयों से वसूला जाएगा।
- दंगे का नेतृत्व करने वालों पर कसेगा शिकंजा, बनेंगे बराबर के भागीदार।
- आरोप साबित होने के एक माह के भीतर करनी होगी रकम जमा।
- जल्द मामले के निपटारे के लिए ट्रिब्यूनल का किया गया गठन।

कानून व्यवस्था को अपने हाथों में लेने की किसी को भी छूट नहीं है। कानून तोडऩे वालों को कड़ी सजा दी जाएगी। सख्त कानून बनाकर दंगाई को सजा भी दी जाएगी और उससे नुकसान की भरपाई भी की जाएगी। इस कानून को सख्ती से लागू किया जाएगा।
पुष्कर ङ्क्षसह धामी, सीएम

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