देहरादून (ब्यूरो) राजधानी दून के रायपुर क्षेत्र में वर्ष 2016 में 237 करोड़ रुपये की लागत से राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण हुआ था। मई 2018 में राज्य सरकार ने आईएल एंड एफएस कंपनी को 30 साल के लिए स्टेडियम के संचालन का जिम्मा सौंपा। संचालन के लिए आईएल एंड एफएस ने इंटीग्रेटेड एरिना लिमिटेड का गठन किया। कोरोनाकाल में कंपनी ने आर्थिक अभाव में इंसोलवेंसी के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में याचिका फाइल कर स्टेडियम का संचालन करने में असमर्थता जताई। इसी बीच ट्रिब्यूनल ने इस पर आईआरपी अंशुल पठानिया को रिजॉल्यूशन प्लान बनाने के लिए तैनात किया।

न परमिशन, न एस्क्रो अकाउंट
नवंबर, 2023 में एनसीएलटी ने स्टेडियम के संचालन का कार्य आईएल एंड एफएस से हटाकर ट्राइवर इंटरप्राइजेज को सौंपा। इसके अनुसार अब ट्राइवर को देहरादून इंटीग्रेटेड एरिना लिमिटेड को चलाना था। काम मिलने के बावजूद कंपनी द्वारा नई संचालन एजेंसी के रूप में राज्य सरकार से न तो परमिशन ली और न ही अनुबंध की शर्तों के अनुरूप एस्क्रो अकाउंट खोला गया। वहीं, बैंक गारंटी भी उपलब्ध नहीं कराई गई। जबकि, स्टेडियम में कार्यक्रम के लिए तमाम संस्थाओं से धनराशि बुङ्क्षकग के नाम ले ली गई।

इस तरह हुआ एक्शन
-देहरादून इंटीग्रेटेड एरिना लि। पर अनुबंध के नियमों का अनुपालन न करने के लगे आरोप।
-सरकार ने 12 दिसंबर 2023 को थमाया नोटिस।
-इसके बाद भी कंपनी ने नहीं लिया नोटिस का संज्ञान।
-फिर सरकार ने 13 फरवरी 2024 को कंपनी को जारी किया नोटिस।
-नोटिस के साथ ही संपत्ति खाली करने के दिए निर्देश।

फ्रॉड के मामले आ चुके हैं सामने
हाल में इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम से संबंधित कुछ फ्रॉड के मामले सामने आ चुके हैं। जिसके बाद विभाग पर भी सवाल उठने लगे। माना जा रहा है कि सरकार ने इसको देखते हुए कदम उठाए।

ठगी के ये मामले आए सामने
क्रिकेट स्टेडियम में इवेंट बुक कराने के नाम पर बीती 12 फरवरी को ठगी का एक मामला सामने आया था। आरोपियों ने स्टेडियम में इवेंट करवाने के नाम पर 1.77 लाख रुपए ठग लिए। रायपुर थाने में केस भी दर्ज हुआ था। जबकि, 8 फरवरी को भी स्टेडियम में प्लेटिनम मेंबरशिप देने के लिए भी फ्रॉड कर करोड़ों ठगने का मामला सामने आया था। जिसकी पुलिस जांच कर रही है। आरोप थे कि स्टेडियम का संचालन करने वाली कंपनी डायल के प्रतिनिधियों ने स्टेडियम में सुविधाएं देने के लिए प्रति व्यक्ति 5 से 6 लाख रुपए ठगे।

सीएम के निर्देश पर स्टेडियम खाली कराया जा चुका है। अब बदहाल स्थिति में पड़े हुए स्टेडियम के मेंटेनेंस की बारी है। कोशिश है कि सरकार की यह कीमती असेट्स खेल के काम आए। आईपीएल मैचों के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
-जितेंद्र सोनकर, डायरेक्टर, स्पोट्र्स।
dehradun@inext.co.in