देहरादून(ब्यूरो) केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय ने सभी प्रदेशों में विधानसभा को ई-असेंबली या ई-डेमोक्रेसी के रूप में स्थापित करने को एनईवीए कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत विधानसभा भवनों को ग्रीन गवर्नेंस टूल के रूप में पेपरलेस असेंबली बनाया जाना है। इसके लिए 90:10 के अनुपात में धनराशि स्वीकृत की गई है। इसके अंतर्गत केंद्र सरकार प्रदेश को 13.944 करोड़ की राशि स्वीकृत करते हुए 2.509 करोड़ की पहली किस्त जारी कर चुकी है। सचिवालय में मंगलवार को व्यय वित्त समिति की बैठक में अवशेष 14 करोड़ रुपये को स्वीकृति दी।

दून व गैरसैंण के लिए वित्तीय प्रावधान
विधानसभा सचिवालय ने इस योजना के संचालन के लिए कंप्यूटर व अन्य सहयोगी उपकरणों, आईटी उपकरणों व आवश्यक तकनीकी मैनपावर, इलेक्ट्रिकल कार्य व फर्नीचर के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विकास प्राधिकरण के माध्यम से डीपीआर तैयार कराई गई है। विधानसभा भवन, देहरादून के आवश्यक कार्यों के लिए 18.91 करोड़ और विधानसभा भवन गैरसैंण के लिए 12.87 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय ने डीपीआर अनुमोदित कर केंद्रांश के रूप में 13.944 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। शेष 17.766 करोड़ की राशि राज्य सरकार वहन करेगी। बैठक में अपर सचिव सी रविशंकर, विजय कुमार जोगदंडे सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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