- वैक्सीन लगवाने वाले और वैक्सीन का इंतजार कर रहे लोगों की अपील

- कोरोना वैक्सीन को लेकर अब नहीं रहना चाहिए किसी तरह का कन्फ्यूजन

देहरादून,

कोरोना से जंग लड़ रहे लोगों के लिए कोरोना वैक्सीन नई उम्मीद लेकर आई है। लेकिन वैक्सीन को लेकर कई तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं। जिससे अभी भी लोगों में वैक्सीन को लेकर कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं। जबकि तीन दिनों में 6119 हेल्थ वर्कर को उत्तराखंड में वैक्सीन लग चुकी है। ऐसे में वैक्सीन को लेकर जो लोगों में भ्रम या डर है, वह अब दूर होना चाहिए। जो लोग कोरोना की वैक्सीन लगा चुके हैं। वे भी खुद इस बात को सिरे से नकार रहे हैं, कि कोरोना वैक्सीन को लेकर किसी तरह का संदेह मन में रखना चाहिए।

कोरोना से रिकवर होने के बाद वैक्सीन कारगर

दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डॉ। आशुतोष सयाना ने बताया कि भारत में बनी वैक्सीन को पूरे विश्व में इस्तेमाल किया जाता है। कोरोना के लिए भी तैयार की गई वैक्सीन को वैज्ञानिकों द्वारा टेस्ट करने के बाद ही टीकाकरण अभियान शुरू हुआ है। ऐसे में अब किसी भी तरह का कोई संदेह करना अपने वैज्ञानिकों के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करना है। डॉ। सयाना ने बताया कि वे खुद कोरोना संक्रमित रहे हैं और अब स्वस्थ होने के बाद उन्होंने भी वैक्सीन लगवाई है। पूरी प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही उन्होंने वैक्सीन लगाई है और वैक्सीन लगाने के बाद वे लगातार काम कर रहे हैं। गांधी शताब्दी हॉस्पिटल की सीनियर गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ मेघना असवाल ने बताया कि वैक्सीन लगने के बाद उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई है। सुबह वैक्सीनेशन के बाद उन्होंने ओपीडी भी अटेंड की। कहा कि वैक्सीन को लेकर किसी के मन में गलतफहमी डर या घबराहट नहीं रहनी चाहिए, उन्होंने वैक्सीनेशन के बाद सोशल डिस्टेसिंग और मास्क को लेकर लोगों को पहले जैसे ही अवेयर रहने को कहा है।

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यह हमारे वैज्ञानिकों द्वारा सफल परीक्षण के बाद वैक्सीनेशन के लिए प्रयोग में लाई जा रही है। भारत की वैक्सीन पूरे विश्व में इस्तेमाल की जाती है। कोरोना की वैक्सीन को लेकर भी कोई संदेह होना गलत है। मैंने वैक्सीन लगवाने के बाद सामान्य तरीके से अपना रूटीन और दूसरे काम निपटाएं हैं।

डॉ। आशुतोष सयाना, प्रिंसिपल, दून मेडिकल हॉस्पिटल

वैक्सीन लगने के बाद किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई है। सुबह वैक्सीनेशन बाद में ओपीडी भी अटेंड की। वैक्सीन को लेकर किसी के मन में गलतफहमी डर या घबराहट नहीं रहनी चाहिए, हां वैक्सीनेशन के बाद भी संबंधित लोगों को कोविड-19 से संबंधित गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। इसके लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है।

डॉ मेघना असवाल, सीनियर गाइनोकॉलोजिस्ट, गांधी शताब्दी हॉस्पिटल

लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाने से डरने की जरूरत नहीं, वैक्सीन को लेकर मन में किसी प्रकार की कंफ्यूजन की स्थिति नहीं रहनी चाहिए। कारण वैक्सीन लगने के बाद भी व्यक्ति को आधे घंटे तक स्पेशलिस्ट के ऑब्जर्बेशन में रखा जाता है। रिएक्शन पर तत्काल जीवन रक्षक दवाईयां दी जा सके। ऐसे में वैक्सीनेशन को लेकर भ्रम पैदा करने की जरूरत नही।

मीनाक्षी जखमोला, अध्यक्ष, नर्सेज एसोसिएशन

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वैक्सीन को लेकर अब कोई डर नहीं होना चाहिए, जब हमारा नंबर आएगा तो हम भी वैक्सीन लगवाएंगे। जो लोग विरोध कर रहे हैं, उनकी राजनैतिक जमीन खिसक रही है। ये बिल्कुल गलत है। भारत में बनी वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। इसमें कोई शक करना गलत है।

महेश भंडारी, अध्यक्ष, दून रेजीडेंस वेलफेयर फ्रंट

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स्वदेशी वैक्सीन बनने और वैज्ञानिकों द्वारा टेस्ट के बाद इसे इस्तेमाल करने के लिए हामी भरने के बाद किसी भी प्रकार का शक करना गलत है। विदेशी वैक्सीन पर आंख मूंद कर विश्वास करने वाले लोग स्वदेशी वैक्सीन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। यह गलत है। हजारों लोगों को वैक्सीन लग चुकी है।

विवेक अग्रवाल, महामंत्री, प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल