GAIRSAIN: प्रदेश सरकार ने गैरसैंण राजधानी क्षेत्र को निखारने के लिए 335 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इससे गैरसैंण राजधानी क्षेत्र में सड़क निर्माण, पेयजल व स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा।

विकास कार्यो के लिए बजट

प्रदेश सरकार इस समय गैरसैंण को लेकर काफी संवेदनशील नजर आ रही है। इस कड़ी में गैरसैंण में विकास कार्यों के लिए बजट का भी प्रावधान किया गया है। इसके तहत अवस्थापना विकास के लिए 50 करोड़ रुपये, सामरिक व पर्यटन की दृष्टि से अहम चौखुटिया हवाई पटटी के लिए 20 करोड़, विधानसभा भवन के लिए 10 करोड़, अंतरराष्ट्रीय संसदीय अध्ययन शोध प्रशिक्षण संस्थान के लिए एक करोड़, गैरसैंण पेयजल योजना के लिए 106.87 करोड़, पीएनजीएसवाई में 93.25 करोड़, स्टेडियम के लिए 2.42 करोड़, दिवालीखाल-भराड़ीसैंण डबल लेन सड़क के लिए 8.67 करोड़, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 50 बेड के अस्पताल के रूप में उच्चीकरण और सिमली और गैरसैंण में अस्पताल को सेटेलाइट सेंटर बनाने के लिए 11.50 करोड़, ग्रोथ सेंटर के लिए 17.46 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। परिवहन बस डिपो के लिए पांच करोड़, स्किल डेवलपमेंट के लिए एक करोड़, पुलिस बैरक के लिए दो करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा के तहत सात विद्यालयों में दो और प्राथमिक शिक्षा के तहत छह स्कूलों के लिए एक-एक अतिरिक्त क्लास रूम के निर्माण का प्रावधान किया गया है। उद्यान के अंतर्गत कोल्ड स्टोर एवं प्रोसे¨सग यूनिट के लिए 2.5 करोड़, मशरूम उत्पादन यूनिट के लिए एक करोड़, माली प्रशिक्षण केंद्र के लिए 15 लाख, चाय बोर्ड के अंतर्गत कालीमाटी के लिए दो करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही गैरसैंण में चाय बोर्ड कार्यालय बनाना प्रस्तावित है। वहीं दूधातौली तक नेचर ट्रेल, गैरसैंण कमिश्नरी में डीआईजी आफिस बनाया जाना प्रस्तावित है। टाउन प्ला¨नग के लिए भी जल्द टेंडर होंगे। प्रदेश सरकार भराड़ीसैंण में हेलीपैड को उच्चीकृत करने की तैयारी कर रही है। इसके तहत यहां हेलीपैड निर्माण को दो करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। यह हेलीपैड इस प्रकार का बनाया जाएगा कि यदि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी आना चाहें तो यहां एक समय में तीन एमआई हेलीकाप्टर उतारे जा सकें।

गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी न होने से नाराज विपक्ष ने किया वाकआउट

GAIRSAIN: गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी न होने और सरकार के जवाब से नाराज विपक्ष कांग्रेस ने सदन से वाकआउट कर दिया। वहीं, सरकार ने साफ किया कि प्रदेश में गन्ने का मूल्य, न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने वाले राज्यों में सबसे कम है। सरकार ने गन्ना किसानों के भुगतान के लिए बजट में अग्रिम व्यवस्था भी की हुई है।

गन्ना कीमतों में नहीं हुई बढ़ोतरी

शुक्रवार को कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नियम 310 के तहत चर्च करने की मांग की। इस पर पीठ ने इसे नियम 58 यानी कार्य स्थगन की ग्राह्यता पर सुनने की व्यवस्था दी। विधायक काजी निजामुद्दीन ने इस मसले को उठाते हुए कहा कि प्रदेश में महंगाई तेजी से बढ़ी है। डीजल व पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही हैं। मजदूरी बढ़ गई है। किसानों की गन्ना उत्पादन लागत बढ़ रही है लेकिन सरकार ने चार साल से गन्ना कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। मात्र एक रुपये की बढ़ोतरी अभी तक हुई है। इससे किसानों के सामने आíथक संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार पेराई सत्र से पहले गन्ने की कीमतों को बढ़ाए। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि किसानों ने गन्ने को कैश क्राप के रूप में बोना कम कर दिया है। बजट में किसानों को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कहीं कई हैं लेकिन किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान कब किया जाएगा, इसकी व्यवस्था नहीं की गई है। यह मामला किसानों की आíथकी से जुड़ा है, इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। प्रीतम सिंह ने कहा कि भाजपा अपना वादा भूल गई। वहीं केंद्र सरकार भी तीन काले कानून लाकर किसानों का दमन कर रही है। कांग्रेस विधायक ममता राकेश, फुरकान अहमद और राजकुमार ने भी गन्ना मूल्य बढ़ाने की मांग की। सरकार का पक्ष रखते हुए संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रयासरत है। सरकार तीन कृषि कानून लाई है, कोई यह नहीं बता पा रहा है कि इनमें कमी क्या है। भाजपा ने सत्ता में आने के बाद गन्ना किसानों को 450 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। यह पैसा सरकार ने अपने खजाने से दिया। इस बार भी बजट में 245 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। उत्तराखंड में अन्य राज्यों के तुलना में गन्ने का उचित और अच्छा मूल्य दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गन्ना मूल्य के लिए अगेती प्रजाति के लिए 327 रुपये प्रति कुंतल और सामान्य प्रजाति के लिये 317 रुपये प्रति कुंतल का प्रविधान किया गया है। यह मूल्य उत्तरप्रदेश से अगेती प्रजाति में दो रुपये अधिक और सामान्य प्रजाति में 12 रुपये अधिक है। राजस्थान की तुलना में अगेती प्रजाति में 17 रुपये अधिक और सामान्य प्रजाति में 17 रुपये अधिक है। उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों का पिछला सारा भुगतान कर दिया है।

पारिवारिक विवाद में महिलाओं को भरण पोषण को सहायता

GAIRSAIN: प्रदेश सरकार आधी आबादी को लेकर खासी संजीदा है। इस कड़ी में सरकार अब पारिवारिक न्यायवाद में महिलाओं की आíथकी को ध्यान में रखते हुए उनके लिए नई योजना ला रही है। इस योजना के लिए बजट में 3.60 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं के कल्याण को कृतसंकल्प है। इसके लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। शुक्रवार को गैरसैंण में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नई योजना के तहत पति से कानूनी लड़ाई लड़ रही महिलाओं के भरण पोषण की व्यवस्था की जाएगी। इसमें सभी महिलाओं को शामिल किया जाएगा। सरकारी सेवा में शामिल महिलाओं को इससे बाहर रखा जाएगा। इसके लिए जल्द ही रूपरेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना को जल्द कोई नाम भी दिया जाएगा।

क्रिकेट विवादों की जांच को सचिव स्तरीय समिति

GAIRSAIN: प्रदेश किक्रेट में हाल ही में उठे विवादों की सचिव स्तरीय समिति जांच करेगी। खेल मंत्री अरविंद पांडेय ने विधानसभा में कांग्रेस विधायक करण माहरा द्वारा क्रिकेट में अनियमितताओं को लेकर उठाए गए मामले में सरकार का पक्ष रखते हुए यह बात कही। खेल मंत्री ने कहा कि भले ही क्रिकेट एसोसिएशन आफ उत्तराखंड को बीसीसीआई से मान्यता मिली है और सरकार का इसमें कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं है, मगर इसके बावजूद प्रदेश की खेल प्रतिभाओं के साथ अन्याय न हो, इसके लिए जांच के निर्देश दिए गए हैं। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) के सचिव महिम वर्मा ने कहा कि उन्हें सरकार द्वारा जांच बैठाने संबंधित कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनसे किसी भी तरह की जानकारी या कोई भी ब्यौरा मांगेगी तो एसोसिएशन समय पर उपलब्ध कराएगी।

785 करोड़ का वित्तीय लक्ष्य

GAIRSAIN: केंद्र सरकार के कृषि अवसंरचना निधि कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड के लिए 785 करोड़ रुपये का वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके तहत फसल कटाई के बाद प्रबंधन के लिए फार्म गेट और एग्रीगेशन प्वाइंट्स (सहकारी समितियां, किसान उत्पाद संगठन, कृषि उद्यमी, स्टार्टअप, विपणन सहकारी समितियां, कृषक समूह, संयुक्त देयता समूह, बहुद्देश्यीय सहकारी समितियां, कृषक प्रक्षेत्र) में कृषि अवसंरचना परियोजनाओं की फं¨डग के लिए वित्तीय सुविधा प्रदान की जा रही है। योजना में अधिकतम दो करोड़ की ऋण धनराशि देने और ऋण पर ब्याज में सात साल तक तीन फीसद छूट देने का प्रविधान है। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधायक प्रीतम सिंह पंवार के प्रश्न के उत्तर में सदन को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अवसंरचना निधि से 1591 प्रोसे¨सग यूनिट भी प्रस्तावित हैं।