जल निगम व जल संस्थान एक दूसरे पर लगा रहे अव्यवस्था का आरोप

परेशान लोग अब आंदोलन की कर रहे तैयारी

देहरादून।

राजधानी के पटेलनगर के ब्रह्मपुरी इलाके में जहां बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव की स्थिति हो रही है। लोगों को बारिश के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है। कामकाज ठप है। वहीं, दूसरी तरफ जल संस्थान से लोगों को पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिससे लोगों को डबल परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

एक-दूसरे पर ब्लेम शिफ्टिंग

क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाने के बाद भी पानी नहीं आने से परेशानी बनी हुई। हर बार कनेक्टिविटी को लेकर जल संस्थान और पेयजल निगम एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। दोनों विभाग एक दूसरे पर ब्लेम शिफ्टिंग कर रहे हैं। जल संस्थान के अधिकारियों के अनुसार यह लाइन अभी तक में हैंडओवर नहीं हुई है इसलिए पेयजल निगम से शिकायत करें। वहीं निगम अधिकारियों के अनुसार लोगों के घरों में पानी देना हमारा काम नहीं, बल्कि जल संस्थान का काम है। दोनों विभागों के चक्कर में ब्रह्मपुरी क्षेत्र की जनता पिस रही है।

क्षेत्रवासी के नसीब में सिर्फ चक्कर

क्षेत्र में पीने का पानी न आने के कारण क्षेत्रवासी कई बार अधिकारियों के चक्कर लगा चुके हैं। इसके बाद भी कोई समाधान नहीं मिल रहा है।

क्षेत्रीय विधायक को भी दी गई जानकारी

क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या को लेकर कई बार विधायक को भी कराया गया। फिर भी कोई नतीजा नहीं निकल सका। लोगों का कहना है कि तो 1 से 2 दिन में समस्या का समाधान नहीं होता है, तो जोगीवाला स्थित पेयजल निगम के दफ्तर का घेराव किया जाएगा।

वर्जन

क्षेत्र में पाइपलाइन चोक होने के कारण पीने का पानी नहीं आ रहा है। कई बार जल संस्थान के कार्यालय के चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही।

संजीव कुमार

एक ओर बारिश के कारण ब्रह्मपुरी एरिया में जलभराव हो रहा है। दूसरी तरफ पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। कोई समाधान नहीं मिल पा रहा।

कौशलेन्द्र सिंह

हम रोजाना पीने के पानी के लिए टैंकर मंगा रहे हैं, पीने के पानी की आपूर्ति के लिए टैंकर पर निर्भर होना पड़ रहा है।

नाथीराम धीमान

कई बार विभागीय अधिकारियों को जानकारी दी गई है। लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में हमें स्थानीय लोगों के साथ मिलकर जल संस्थान के कार्यालय का घेराव करने को मजबूर होना पड़ेगा।

सतीश कश्यप, पार्षद ब्रह्मपुरी

क्षेत्र में लाइनें तो बिछा दी गई हैं। फिलहाल इन नई लाइनों से कनेक्शन नहीं किया गया हैं। फिलहाल पुरानी लाइनों से ही पानी की सप्लाई हो रही है। ऐसे में अगर कहीं पानी नहीं आ रहा तो फॉल्ट का पता चल पाना मुश्किल होता है। यही कारण है जिससे दिक्कतें आ रही हैं।

आशीष भट्ट, ईई, जल संस्थान