देहरादून (ब्यूरो) रोड के किनारे हरे पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने के लिए उन्हें जड़ों समेत उखाड़ा जा रहा है। मशीन द्वारा पेड़ों को उखाड़े जाने के दौरान पानी की लाइनें टूट रही है, जिससे काफी पानी सड़कों पर बह रहा है। काफी पानी भूमिगत भी हो रहा है। क्षेत्र के अंकित विहार, चूना भट्टा, सीताराम नगर, प्राइमरी स्कूल अम्बेवाला समेत कई इलाकों पानी की छोटी-बड़ी लाइनें टूटने से लाखों लीटर पानी सड़क पर बहकर बर्बाद हो रहा है।

बाल्टी लेकर चढऩी पड़ रही चार मंजिल
कई एरियाज में पानी का संकट खड़ा हो गया। घरों तक पानी न पहुंचने से अधिकांश लोग टैंकर मंगाने को मजबूर हैं। टैंकर से ग्राउंड फ्लोर पर पानी भरकर बाल्टियों से तीन-तीन चार-चार मंजिल तक पहुंचा कर पसीना बहा रहे हैं। पेयजल लाइन को नुकसान पहुंचने पर जल संस्थान ने पीडब्ल्यूडी से नुकसान की भरपाई के लिए 3 करोड़ का बजट मांगा है। ये तो केवल एक सड़क की बात है। शहर में कई सड़कों पर निर्माण कार्य चल रहे हैं, जिससे पेयजल, बिजली और अन्य संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंच रहा है।

पानी के लिए पब्लिक परेशान
सहस्रधारा रोड के फोर लेन बनने से क्षेत्र के करीब एक दर्जन से अधिक इलाकों में पानी को लेकर लोग परेशान हैं। वजह सहस्रधारा रोड चौड़ीकरण बताई जा रही है। इस रोड को फोर लेन बनाया जा रहा है। रोड चौड़ीकरण की जद में आ रहे पेड़ों के शिफ्टिंग का कार्य चल रहा है। यह काम पीडब्ल्यूडी का अस्थाई खंड ऋषिकेश कर रहा है। जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी की जेसीबी और पोकलेन मशीनें बार-बार पानी की मेन लाइन तोड़ रही है। कई जगह पर उनके द्वारा पाइपलाइन जोड़ी भी गई, लेकिन फिर कार्य के दौरान तोड़ी जा रही है, जिस कारण क्षेत्र में कई दिनों से पेयजल संकट बना हुआ है।

भेजा 3 करोड़ का एस्टीमेट
जल संस्थान के एक्सईएन ने बताया कि पेयजल लाइन मरम्मत के लिए पीडब्ल्यूडी से पैसे मांगे गए हैं। पेयजल लाइन की मरम्मत और शिफ्टिंग में करीब 3 करोड़ से अधिक का बजट बैठ रहा है। इस मामले में पीडब्ल्यूडी को पत्र लिखा गया है कि जहां पर पाइपलाइन तोड़ी जा हरी है उसकी जल संस्थान को सूचना दी जाए। जिससे कि संबंधित क्षेत्र में पानी की आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके।

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