- ऊर्जा निगम के अफसर बोले, जमीन की कमी के चलते सड़क पर है ट्रांसफार्मर
- दूनाइट््स बोले, सड़क-फुटपाथ कब्जाने वालों के विरुद्ध हो सीधे केस दर्ज

देहरादून, (ब्यूरो):फुटपाथों पर व्यापारी भी कब्जा जमाए हुए है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट द्वारा इस पर राह के रोड़े नाम से कैंपेन चलाया जा रहा है। इसी के तहत आई नेक्स्ट की टीम शहर के तमाम इलाकों में घूमी। इस दैरान टीम ने देखा कि कई इलाकों में फुटपाथों पर पोल-खंभे, ट्रांसफार्मर, कबाड़ वाहन, कूड़े के ढेर, कूड़े के कंटेनर और कुछ जगहों पर वर्षों पुराने पौधे रास्ता रोक रहे हैं। केवल रास्ता ही नहीं कहीं पर ये दुर्घटनाओं को भी कारण भी बन रहे हैं। इसी मुद्दे को लेकर जब हमारी टीम ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सर्वे कराया तो इसमें 100 परसेंट लोगों का कहना है कि फुटपाथों व सड़कों पर सरकारी और गैर सरकारी अतिक्रमण करने वाले लोगों पर केस दर्ज होना चाहिए। वहीं, 93 परसेंट लोगों का कहना था कि फुटपाथों पर विभागों द्वारा डाली हुई बाधाओं से पैदल चलना मुश्किल हो गया है और इससे एक्सीडेंट होने का खतरा रहता है।

पैदल चलना मुश्किल
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर 93 परसेंट लोगों ने कहना कि फुटपाथों पर कई विभागों ने भी बाधाएं डाली हुई हैं। इससे एक्सीडेंट का खतरा व पैदल चलना मुश्किल हो गया है। 14 परसेंट लागों का कह्रा कि सड़क किनारे हर तरफ यही हाल है। वहीं, 23 परसेंट लोगों ने सिटीज्में ज्यादातर फुटपाथों पर व्यापारियों व अन्य के कब्जे को सरासर गलत माना।

अतिक्रमण पर केस हों दर्ज
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट पिछले कई दिनों से लगातार फुटपाथ पर और सड़कों पर मौजुद बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर, होर्डिंग्स आदि का मुद्दा प्रमुख्ता से उठा रहा है कि कैसे ये पैदल चलने वाले लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। इसी को लेकर सर्वे में जब फुटपाथों व सड़कों पर सरकारी और गैर सरकारी अतिक्रमण करने वालो लोगों की राय ली गई और उनसे पूछा गया कि क्या ऐसे लोगों पर केस दर्ज होना चाहिए तो 100 परसेंट लोगों ने इस पर हां कहा। वहीं, 86 परसेंट लोग ऐसे थे जिन्होंने कहा कि सड़क किनारे लगे पोल, होर्डिंग्स, खड़ी कबाड़ गाडिय़ां, टूटे-फूटे फुटपाथ राहगीरों के लिए मुसीबत बने हुए हैं।

67 परसेंट फुटपाथों पर कब्जे
कहने को दून स्र्माट शहर बनाया जा रहा है। इसी के तहत यहां कई डेवल्पमेंटल वर्क किए जा रहे हैं। लेकिन सड़क और फुटपाथ पर कई जगह उर्जा विभाग, पीडव्लूडी विभाग, नगर निगम आदि के द्वारा पोल, होर्डिंग्स, नालियों के खुले ढक्कन आदि लोगों के लिए चलने में समस्या पैदा कर रहे हैं। वहीं, इन सब में व्यापारी भी फुटपाथ और सड़क पर अतिक्रमण कर बड़े हादसे को दावत दे रहे हैं। जब इसी को लेकर सोशल मीडिया पर सर्वे में पूछा गया कि दूनज्सिटी में ज्यादातर फुटपाथों पर व्यापारियों व अन्य के कब्जे हैं तो इस पर 67 परसेंट लोगों ने अपनी सहमति जाहिर की।

ये हैं समस्याएं
-कहीं मेन होल खुले पड़े हैं
-फुटपाथ के बीच खड़े मिले ट्रांसफार्मर
-पोल-खंभों से बंद पड़ा है रास्ता

पब्लिक बोली, अतिक्रमण पर हो केस दर्ज
1. दून सिटी में ज्यादातर फुटपाथों पर व्यापारियों व अन्य के कब्जे हैं। इससे आप कितने सहमत हैं।
हां -----------67 परसेंट
नहीं --------10 परसेंट
ये सरासर गलत है -------23 परसेंट
नो कमेंट्स -------- 0 परसेंट

2. फुटपाथों पर कई विभागों ने भी बाधाएं डाली हुई हैं। इससे एक्सीडेंट का खतरा व पैदल चलना मुश्किल हो गया है।
हां -------93 परसेंट
नहीं ------0 परसेंट
थोड़ा बहुत ------ 7 परसेंट
नो कमेंट्स -------- 0 परसेंट

3. सड़क किनारे पोल, होर्डिंग्स, खड़ी कबाड़ गाडिय़ां, टूटे-फूटे फुटपाथ राहगीरों के लिए बने हुए हैं मुसीबत।
हां -----86 परसेंट
नहीं -----0
हर तरफ यही हाल ----14 परसेंट
नो कमेंट्स -------- 0 परसेंट

4. फुटपाथों व सड़कों पर सरकारी और गैर सरकारी अतिक्रमण पर क्या केस दर्ज होना चाहिए।
हां ----100 परसेंट
नहीं ----0
जागरुकता पर जोर हो----0
कुछ नहीं----0

हटाएं तो कहां लगाएं
सड़क और फुटपाथ घेरे पोल और ट्रांसफार्मर को लेकर ऊर्जा निगम के अफसरों का कहना है कि जगह की भारी कमी है। यदि फुटपाथ से ट्रांसफार्मर हटाए जाते हैं, तो लगाएंगे कहां। ऊर्जा निगम की प्राथमिकता कंज्यूमर्स को बिजली देना है। जगह बहुत महंगी है। कई जगहों पर तलाशने के बाद भी जगह नहीं मिल पा रही है। पीडब्ल्यूडी लगातार पत्र लिखकर फुटपाथ खाली करने को कह रहा है। जमीन के सर्किल रेट आसमान छू रहे हैं। ऐसे में इन्हें जल्दबाजी में शिफ्ट नहीं किया जा सकता है।

एलिवेटेड ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे
ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता राहुल जैन ने बताया कि ऊर्जा निगम ने आरडीएसस योजना शुरू की है। करीब 800 करोड़ की इस योजना के तहत पावर सिस्टम सुधारने की तैयारी है। साथ ही सड़क किनारे और फुटपाथों पर रखे ट्रांसफार्मर को बदलकर एलिवेटेड बनाया जाएगा, जिससे ट्रांसफार्मर के नीचे रास्ता बाधित न हो। कुछ जगहों पर जल्द ही एलिवेटेड ट्रांसफार्मर रखे जाएंगे, इसके बाद पूरे शहर के ट्रांसफार्मर को योजना के तहत एलिवेटेड मोड में रखा जाएगा।

जमीन की कमी के चलते ट्रांसफार्मर सड़क किनारे रखे गए है। अब नए-पुराने ट्रांसफार्मर को एलिवेटेड रखे जाने की योजना है, इससे लोगों को चलने में आसानी होगी। आरडीएसएस योजना के तहत यह कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा।
राहुल जैन, अधीक्षण अभियंता, ऊर्जा निगम
dehradun@inext.co.in