एक महिला गार्ड के भरोसे पूरे हॉस्टल की सुरक्षा

न मैस शुरू हुई न क्रैच शुरू करने पर हो रहा विचार

देहरादून।

सर्वे चौक के समीप बने वीरांगना तीलू रौतेली वर्किंग वूमेन हॉस्टल में 83 कमरे हैं, लेकिन अब तक दो ही महिलाएं यहां रहने पहुंची हैं। एक महिला गार्ड के भरोसे इनकी सुरक्षा है। हॉस्टल में मैस भी शुरू नहीं हो पाया है। लिफ्ट होने के बावजूद महिलाएं इससे जाने में कतरा रही हैं। थर्सडे को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने हॉस्टल का रियेलिटी चेक किया। हॉस्टल में अभी कई काम अधूरे पड़े हैं। पूरे हॉस्टल में फैली खामोशी डरावना लग रही है। हॉस्टल में कूड़ा-कचरा भी यहां-वहां बिखरा पड़ा था।

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जगह-जगह गंदगी

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से एक फरवरी से वर्किंग वूमेन हॉस्टल को शुरू कर दिया गया है। लेकिन, यहां जगह-जगह गंदगी बिखरी पड़ी है। रिसेप्शन तो बना है, लेकिन उसमें कोई नहीं बैठता। रिसेप्शन के पास का कमरा गंदगी से भरा हुआ है। इससे कुछ आगे सीढि़यां है और सीढि़यों के पास भी गंदगी पसरी हुई है। हॉस्टल के रूम्स में बोटल्स, मग और दूसरा वेस्ट जगह-जगह बिखरा हुआ है।

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न मैस, न सिक्योरिटी गार्ड

वूमेन हॉस्टल शुरू कर दिया गया। अब यहां कोई भी महिला आकर रह सकती है। बावजूद इसके अब तक यहां सिक्योरिटी गार्ड तैनात नहीं किए गए हैं। वन स्टॉप सेंटर की एक महिला सिक्योरिटी गार्ड की रात में यहां तैनाती पर रहती है। हॉस्टल में महिलाओं के लिए मैस भी शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में यहां रहने वाली दोनों महिलाएं बाहर खाना खाती हैं। मैस कैसे चलेगा, इस बारे में अब तक कोई योजना तैयार नहीं की गई है। अब तक इनती योजना बनाई गई है कि हॉस्टल में महिलाओं को खाना बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। लेकिन, ये महिलाएं कौन होंगी, इस पर कोई चर्चा तक नहीं हो पाई है।

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सीसीटीवी कैमरे तक नहीं

शहर के बीचो-बीच इतना बड़ा वर्किंग वूमेन हॉस्टल बनवाकर तैयार करवा दिया गया है, लेकिन यहां अब तक महिलाओं की सिक्योरिटी पर कोई फोकस नहीं है। हॉस्टल शुरू हो चुका है, महिलाएं यहां रहने लगी हैं, लेकिन सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। ऐसे में यहां रहने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार नहीं हो पाया है। हॉस्टल के गार्डन में लंबी-लंबी घास उगी हुई है। पार्किंग में भी साफ नहीं है।

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8 कमरे आवंटित

अब तक कुल आठ महिलाओं को हॉस्टल में रूम आवंटित किए गए हैं। इन महिलाओं की ओर से आवेदन भी खुद ही किए गए थे। बावजूद इसके ये अब तक हॉस्टल में रहने नहीं आई हैं। विभाग की ओर से इन महिलाओं को बार-बार फोन किए जा रहे हैं, लेकिन वे आने में रूचि नहीं ले रही हैं। जिससे विभागीय अधिकारी भी परेशान हैं। जो दो महिलाएं हॉस्टल में रह रही हैं, उनमें से एक सीएम ऑफिस में यंग प्रोफेशनल और दूसरी जीपीओ में कार्यरत है।

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सीसीटीवी के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। महिला सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति कर ली है। जल्द डयूटी पर आएंगी। क्रैच को लेकर जल्द मीटिंग की जाएगी।

अखिलेश मिश्रा, डीपीओ, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग