VARANASI

धर्म और संस्कृति की राजधानी और पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में मेट्रो रेल दौड़ेगी। केन्द्र की पहल के बाद शासन ने डीपीआर में बदलाव करने का निर्णय लिया है। इसके तहत ट्रांसपोर्टेशन स्थल और ट्रैफिक से मेट्रो स्टेशनों की कनेक्टिविटी की जाएगी। साथ ही ऑटो व अन्य वाहनों के स्टैंड और पार्किंग के लिए जगह चिन्हित की जाएगी। पूरी तरह मेट्रो को दिल्ली की तर्ज पर बनाया जाएगा। मेट्रो के डीपीआर में बदलाव को लेकर बुधवार को प्रमुख सचिव आवास पर बैठक हुई। इसमें जहां मेट्रो चलनी है वहां के विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और टाउन प्लानर को बुलाया गया था।

 

नये सिरे से बनेगा डीपीआर

 

बैठक में शामिल विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित खरे ने बताया कि मेट्रो नीति में बदलाव का फैसला हुआ है। ट्रैफिक कनेक्टिविटी करते हुए अब नये सिरे से राइट्स डीपीआर बनायेगी उसके बाद शासन स्तर पर आगे की कार्यवाही होगी। उन्होंने बताया कि जैसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक साइड मेट्रो के स्टेशन हैं वहीं दूसरी ओर रेलवे के स्टेशन हैं जिससे यात्रियों को आवाजाही में सुविधा होती है। ठीक उसी तरह यहां भी कनेक्टिविटी देनी है।

 

ये थे प्रस्तावित स्टेशन

 

पहले डीपीआर में बीएचयू से भेल वाले कॉरीडोर पर बीएचयू पहला स्टेशन होगा। उसके बाद तुलसी मानस मंदिर, रत्‌नाकर पार्क, दुर्गा मंदिर, काशी विश्वनाथ (गोदौलिया) बेनियाबाग, मौलवी पार्क (रथयात्रा) काशी विद्यापीठ, वाराणसी जंक्शन (कैंट) नदेसर, कलेक्ट्रेट, भोजूबीर, राजराजेश्वरी नगर (गिलट बाजार) तक भूमिगत होगा। वहीं संगम कॉलोनी, शिवपुर, तरना और भेल स्टेशन एलीवेटेड (ऊपरीगामी) होगा। वहीं बेनियाबाग से सारनाथ कॉरिडोर पर बेनियाबाग, कोतवाली, मच्छोदरी पार्क, काशी बस डिपो, जलालीपुरा (पंचकोशी) भूमिगत होगा। वहीं आशापुर, हनुमान मंदिर, मवईया (हवेलिया) और सारनाथ एलीवेटेड होगा।

 

एक नजर प्रस्तावित मेट्रो पर

 

- क्7ख्भ्म् करोड़ का प्रोजेक्ट

- ख्म् स्टेशन बनेंगे

- बेनियाबाग में बनेगा जंक्शन

- हरहुआ के गनेशपुर में बनेगा डिपो

- बीएचयू से भेल और बेनियाबाग से सारनाथ तक ख्9 किमी के दो कॉरिडोर होंगे

- मेट्रो रेल को छह साल में पूरा करने का है लक्ष्य

- लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन होगी नोडल एजेंसी

- न्यूनतम दस रुपया और अधिकतम ब्0 रुपया होगा किराया