वाराणसी (ब्यूरो)। यह पब्लिक है, सब जानती है। फिर भी मानती नहीं है। जी हां, जेब ढीली होने के बाद भी बनारस की पब्लिक सुधरने को तैयार नहीं। यह हम नहीं, बल्कि ट्रैफिक पुलिस के आंकड़े बोल रही हैं। टै्रफिक रूल्स को फोर्सली लागू कराने के लिए टै्रफिक पुलिस पूरे प्रदेश में जनवरी से ही अभियान चलाकर पब्लिक को जागरूक कर रही है। रूल्स तोडऩे पर ई-चालान के साथ ऑन स्पाट भी चालान काटा जा रहा है। चालान काटने की प्रक्रिया आठ माह से चल रही है। बावजूद इसके टै्रफिक रूल्स तोडऩे वालों की संख्या कम नहीं, बल्कि बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि प्रदेश में चालान काटने में बनारस टॉप पर है।
अगस्त में 57 हजार से अधिक कटा चालान
बनारस के बिगड़े टै्रफिक सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए 557 टै्रफिक पुलिस जवानों की ड्यूटी लगी है, जो शहर के 26 चौराहों के अलावा चप्पे-चप्पे पर मुस्तैद हैं। इन चौराहों पर लगे सर्विलांस कैमरों की मदद से सिगरा स्थित सिटी कमांड सेंटर से भी टै्रफिक रूल्स तोडऩे वालों पर नजर रखी जा रही है। इन सारी प्रक्रिया से बनारस की पब्लिक परिचित है, फिर भी टै्रफिक रूल्स तोडऩे से बाज नहीं आ रहे हैं। सख्ती के बावजूद अगस्त महीने में बनारस में टै्रफिक रूल्स तोडऩे वाले 57209 लोगों के चालान काटे गये हैं, जो पूरे प्रदेश में सबसे अधिक है।
लगातार दूसरी बार बनारस टॉप
प्रदेश में ट्रैफिक रूल्स तोडऩे वालों के खिलाफ जनवरी से ई-चालान की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके अलावा ऑन स्पॉट भी चालान काटे जाते हैं। जनवरी से जून तक टै्रफिक रूल्स तोडऩे वालों में गौतमबुद्ध नगर टॉप रहा, जबकि बनारस का स्थान दूसरे और चौथे नम्बर पर था। दूसरे नम्बर पर रहने वाले गाजियाबाद को पीछे छोड़कर जुलाई में अचानक बनारस टॉप पर पहुंच गया। लगातार छह महीने तक टॉप पर रहने वाले गौतमबुद्ध नगर दूसरे पायदान पर चला गया।
तथ्य एक नजर में
- 241822 चालान हुए जनवरी से अगस्त माह तक
- 57209 वाहनों का चालान हुआ अगस्त में
- 26 चौराहों पर लगाए गए हैं कैमरे वाहनों पर नजर रखने को
- 721 कैमरे लगाए गए हैं पूरे शहर में
- 24 बॉडी कैमरों का इस्तेमाल हो रहा टै्रफिक जवानों के जरिए
- 12 पैंथर दस्ता भी नजर रखे है टै्रफिक रूल्स फॉलो न करने वालों पर
टॉप टेन की सूची
वाराणसी 57209
गौतम बुद्ध नगर 56125
गाजियाबाद 30524
लखनऊ 39072
आगरा 39072
मेरठ 7338
मथुरा 21077
बरेली 12356
गोरखपुर 10357
प्रयागराज 16632
'अगस्त महीने में सबसे अधिक चालान काटे जाने का यह मतलब नहीं है कि बनारस में टै्रफिक रूल्स को लेकर जागरूकता नहीं है। 90 परसेंट लोग हेलमेट पहनकर चल रहे हैं। 70 परसेंट लोग सीट बेल्ट लगाकर कार ड्राइव कर रहे हैं।'
-श्रवण सिंह, एसपी ट्रैफिक
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