-तेजी से बढ़ रहा वरुणा का जलस्तर, सैकड़ों घरों को लिया चपेट में

-सुरक्षित ठिकानों की तलाश कर हे बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग

गंगा में जलस्तर बढ़ने के साथ ही वरुणा का पानी भी बढ़ रहा है। पिछले दो दिनों में हुई झमाझम बरसात ने वरुणा में उफान ला दिया है। निचले इलाके में मौजूद घरों को बाढ़ के पानी ने अपनी चपेट में ले लिया है। सैकड़ों मकानों में पानी घुस गया है। इनमें रहने वाले हजारों परिवार सुरक्षित ठिकानों की ओर चले गए हैं। एक दो दिन के अंदर और भी पानी बढ़ने के संकेत हैं। तेज रफ्तार से बढ़ रहे जलस्तर की वजह से वर्ष 2006 और 2013 के बाढ़ जैसी स्थिति की आशंका है

वरुणा की हठ, बुनकरी ठप,

नदी किनारे रहने वाले वो लोग जिनके घर से बाढ़ का पानी कुछ दूर है उन्होंने अपना सामान समेट लिया है। सुरक्षित ठिकानों की तलाश में लग गए हैं। धीरे-धीरे कारोबार भी समेटना शुरू कर दिया है। स्थाई-अस्थाई दुकानें लगाकर जीविकोपार्जन करने वाले अब बाढ़ रहित ठिकानों की तलाश में जुट गए हैं। सोमवार को वरुणा किनारे के सलारपुर, पुलकोहना सहित अन्य इलाकों में वरुणा नदी का पानी घरों में घुस गया। जमा-जमाया कारोबार एक बार फिर बाढ़ आने से उजड़ रहा है। किसी की किराना दुकान बंद हो गयी तो किसी का बुनकरी का तानाबाना खामोश हो गया है।

रोजी पर संकट

वरुणा नदी में बाढ़ का असर लम्बे समय तक रहता है। इस बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद है। कारोबार तो अभी ही बंद हो गया है। फिर से चालू होने में काफी वक्त लगेगा। बाढ़ उतरने के बाद साफ-सफाई और फिर से कारोबार जमाने में एक महीने से ज्यादा वक्त लगेगा। तब तक बाढ़ प्रभावित इलाके के लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट रहेगा। सलारपुर, पुलकोहना, सरैया, कोनिया सहित रजा कॉलोनी समेत अन्य इलाकों में वरुणा की लहरें बढ़ती जा रही हैं। किनारे बसे लोग सलामती के लिए दुआख्वानी कर रहे हैं।

नहीं बनी बाढ़ चौकियां

हर साल बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ चौकी बनाई जाती है। बाढ़ चौकी में रहने, खाने-पीने से लेकर स्वास्थ्य सुविधाएं तक मुहैया कराई जाती हैं। मगर इस साल अभी तक बाढ़ चौकी नहीं बनी है। वरुणा के बाढ़ से प्रभावित लोग सुरक्षित ठिकाना तलाशने के लिए भटक रहे हैं।

बाढ़ का असर दिखना शुरू हो गया है। पुलकोहना, भट्ठा मोहल्ले के कई मकान जलमग्न हो गए हैं। दुकानदारी और बुनकरी बंद हो गयी है। जलस्तर बढ़ा तो स्थिति और भी विकट होगी।

इम्तियाज अली, सरैया

अब तो रोजी-रोटी का संकट शुरू हो गया है। बाढ़ ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। वरुणा किनारे रहे वाले सुरक्षित ठिकाने तलाशने लगे हैं। तटीय वासी ठिकाना बदल रहे हैं।

अब्दुल कयूम, पुलकोहना

वरुणा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी होना शुरू हो गयी है। हालांकि वरुणा कॉरिडोर के चलते अभी कई मोहल्लों में पानी नहीं पहुंच पाया है।

मोहम्मद इरफान, पुलकोहना

-6

इलाके वरुणा की बाढ़ से ज्यादा प्रभावित

500

से ज्यादा घरों में घुसा बाढ़ का पानी

-10

हजार की आबादी बाढ़ से हुई प्रभावित

-500

से ज्यादा पावर व हैण्डलूम हुए बंद

1

महीने लग जाएगा बाढ़ का असर खत्म होने में