- राजभवन को लेकर दिए बयान से बैकफुट पर आए वीसी

- कहा, उन्होंने राजभवन को लेकर कुछ भी नहीं कहा है

- दोनों की लड़ाई अब राजभवन में सुलझेगी, बुलाए गए

Meerut: सीसीएस यूनिवर्सिटी में चल रही वीसी और रजिस्ट्रार की लड़ाई का समाधान कुछ नहीं निकल रहा। कन्वोकेशन के बाद यूनिवर्सिटी के सुभाषचंद्र बोस प्रेक्षागृह में आयोजित धन्यवाद समारोह में करीब 800 लोगों की मौजूदगी में रजिस्ट्रार को लेकर राजभवन पर सवाल खड़े करने वाले वीसी ने अपनी बात से मुकरने में जरा सी देर भी नहीं लगाई। उनकी ओर से जारी एक लेटर में ऐसा कुछ कहे जाने से साफ इंकार किया है।

कन्वोकेशन के बाद धन्यवाद

कन्वोकेशन के बाद वीसी ने एक धन्यवाद ज्ञापन समारोह आयोजित किया, जिसमें उन्होंने अपने दिल की बात सबके सामने रखी थी। रजिस्ट्रार मनोज कुमार के संबंध में उनके द्वारा गोपनीयता भंग करने को लेकर चिंता व्यक्त की थी। साथ ही इस मामले में राजभवन के हस्तक्षेप नहीं करने पर भी सवाल खड़े किए थे। इस दौरान वीसी ने अपने मन की भड़ास भी लोगों के सामने निकाली थी। जिसमें उन्होनें रजिस्ट्रार को ज्वाइन कराने से साफ इंकार कर दिया। अब मामला जब राजभवन पर आया तो वीसी ने ऐसे किसी भी वक्तव्य से इंकार कर दिया।

अब ये आए सामने

रजिस्ट्रार मनोज कुमार की ओर से 9 दिसंबर को कार्यालय आदेश जारी किया गया था, जो वैयक्तिक सहायक कुलपति, वीसी, प्रो वीसी, सभी डीआर, एफसी, विभागाध्यक्ष, निदेशक, प्रिंसिपल्स और प्रोफेसर लोहानी को भेजा गया। जिसमें यूनिवर्सिटी केंद्रीयकृत सेवा नियमावली क्97भ् के संगत धाराओं व नियमों के अंतर्गत यूनिवर्सिटी में कुलसचिव, उप कुलसचिव व सहायक कुलसचिव की नियुक्ति एवं स्थानान्तरण संबंधी जानकारी देते हुए सभी कर्मचारियों को निर्देशित किया कि सभी मात्र अधोहस्ताक्षरी द्वारा दिए गए निर्देश व अधिसूचना का ही अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।

राजभवन से बुलावा

वीसी और रजिस्ट्रार की इस लड़ाई का अंत नहीं होने के चलते दोनों को राजभवन बुलाया गया है। अब इनकी सुनवाई राजभवन में होगी। जहां कौन रहेगा कौन नहीं इस पर निर्णय हो सकता है। लंबे समय से चली आ रही इस लड़ाई पर विराम लगने की पूरी संभावना है। क्योंकि इस पंगेबाजी से पूरी यूनिवर्सिटी हंसी का पात्र बनी हुई है। साथ ही आए दिन होने वाली समस्याओं से कर्मचारी व अधिकारी परेशान हैं। रजिस्ट्रार की कुर्सी पर फिलहाल डीआर प्रभाष द्विवेदी बैठे हुए हैं। जिनके आते ही यहां समस्या खड़ी हो गई थी। अब देखना है कि जाएगा कौन।