- जिन स्टूडेंट्स का निष्कासन वापस किया गया वो ही कर रहे बवाल

- मंगलवार को एलयू कैंपस में हुए बवाल में शामिल स्टूडेंट्स की शुरू हुई पहचान

- गुरुवार को जारी हो सकती सभी स्टूडेंट्स को नोटिस

LUCKNOW :

लखनऊ यूनिवर्सिटी (एलयू) में हॉस्टल को लेकर जो बवाल मंगलवार देर रात तक चला। इसके लिए काफी हद तक यूनिवर्सिटी प्रशासन को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। जो स्टूडेंट्स बवाल के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं उनको पहले यूनिवर्सिटी से निष्काषित कर दिया गया था, लेकिन फिर दवाब के लिए उनका निष्कासन वापस लिया गया। उन पर कई मामलों में थानों में एफआईआर तक दर्ज है। अब यही स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी प्रशासन के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं। मंगलवार की रात वीसी को सात घंटे तक बंधक बनाकर रखने वाले स्टूडेंट्स लीडर्स वहीं लोग थे, जिनका निष्कासन खुद वीसी ने कार्यकाल संभालते ही वापस लिया था।

वापस लिया था फरमान

17 नवंबर 2016 को पूर्व वीसी प्रो। एसबी निमसे ने 10 स्टूडेंट्स का निष्कासन किया गया था। इनमें विनय विक्रम सिंह, विश्व प्रताप सिंह, अनुराग तिवारी, राहुल सिंह, अमृत मिश्रा, विवेक सिंह बाबा, शुभम राय, नीरज शुक्ला, अविनाश राय, प्रभात सिंह के नाम शामिल थे। निष्कासन के तुरंत बाद स्टूडेंट्स ने आंदोलन शुरू कर दिया और प्रो। एसपी सिंह ने वीसी का पद संभालते ही इनमें से 5 छात्र अविनाश राय, विनय विक्रम सिंह, शुभम राय, विश्व प्रताप विशू और अंकित कुमार तिवारी का निष्कासन वापस ले लिया।

आखिर कहां हैं शपथपत्र

निष्कासन इस वादे के साथ वापस हुआ था कि ये सभी छात्र प्रॉक्टर ऑफिस को शपथपत्र देंगे और उसमें लिखेंगे कि आगे से वह परिसर में किसी भी विवाद का न तो कारण बनेंगे, न ही उसमें शामिल होंगे। मगर अभी तक प्रॉक्टर कार्यालय में ये शपथपत्र नहीं पहुंचे हैं और वापस लिए गए सभी छात्र लगातार किसी न किसी हंगामे में शामिल नजर आ रहे हैं।

इस बार भी दाखिला मिल गया

जिन स्टूडेंट्स का निष्कासन वापस हुआ था, उन सभी को इस सत्र में भी किसी न किसी कोर्स में एडमिशन मिल गया है। वह भी तब जब यूनिवर्सिटी में यूजी व पीजी के सभी कोर्सेस के लिए प्रवेश परीक्षाएं हुई हैं और यूनिवर्सिटी प्रशासन लगातार एडमिशन में पारदर्शिता का दावा कर रहा है। जिन 7 स्टूडेंट्स के खिलाफ मंगलवार को यूनिवर्सिटी ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है, उनमें शामिल एक विनय विक्रम सिंह पहले यहां एमए का छात्र था और इस साल उसे एलएलबी में एडमिशन मिल गया है। हालांकि वीसी का कहना है कि सभी संदिग्ध एडमिशन की जांच कराई जा रही है और गलत तरीके से हुए सारे एडमिशन रद्द होंगे।

छावनी बना रहा यूनिवर्सिटी कैंपस

मंगलवार की देर रात तक वीसी को बंधक बनाए जाने, स्टूडेंट्स की ओर से पथराव और फिर स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज की घटना के बाद बुधवार को परिसर में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। पूरा परिसर छावनी में बदला हुआ था। पीएसी की दो यूनिट, आरआरएफ और बड़ी संख्या में पुलिस बल पूरे दिन यहां मौजूद रहा। मामले में आरोपी 7 स्टूडेंट्स आशीष मिश्रा बॉक्सर, विपुल बालियान, मनीष सिंह, प्रभात सिंह, पूजा शुक्ला, विनय विक्रम व एक अन्य के खिलाफ यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से एफआईआर दर्ज की गई है और सभी को नोटिस भेजा जाएगा। इनके अलावा नोटिस के लिए लगभग 100 अन्य छात्र चिन्हित किए जा रह हैं।

ग‌र्ल्स का प्रॉक्टर पर अभद्रता का आरोप

उधर बुधवार को दिन में कुछ छात्राएं पूजा शुक्ला के नेतृत्व में वीसी से मिलने गई थीं। यह सभी वीसी से हॉस्टल आवंटन के मुद्दे पर बात करना चाह रही थीं लेकिन, प्रशासनिक भवन के गेट पर इनके पहुंचने से पहले ही ताला लगा दिया गया। छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें वीसी से मिलने नहीं दिया गया और प्रॉक्टर ने भी उनके साथ अभद्रता की। हालांकि देर शाम तक 26 में से 16 छात्राओं को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हॉस्टल आवंटन कर दिया। शेष 10 छात्राओं को गुरुवार को हॉस्टल आवंटित कर दिया जाएगा।

सभी स्टूडेंट्स के निष्कासन शर्त के साथ वापस हुए थे, उन्हें एक मौका दिया जा चुका है। अब इनके एडमिशन और पुराने सारे रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं, सारे तथ्य सामने आने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगा।

- प्रो। एसपी सिंह, वीसी