- बिना 'रेरा' में रजिस्ट्रेशन कराए धड़ल्ले से हो रही प्लाटिंग व भवन निर्माण

- एक साल में रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी में महज 37 प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन

>

VARANASI

वाराणसी विकास प्राधिकरण की नाक के नीचे शहर और आसपास अवैध तरीके से प्लाटिंग व बिल्डिंग बनाने का काम चल रहा है। इसको रोकने के लिए अभियान भी चलता है, लेकिन इसपर पूरी तरह से रोक नहीं लग पा रही है। बिना रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) में रजिस्ट्रेशन कराये धड़ल्ले से बिल्डर्स और कॉलोनाइजर्स जमीनों की खरीद-फरोख्त और भवन निर्माण के धंधे में लगे हुए हैं। एक साल से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद अभी तक महज 37 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन कराया गया है।

मंशा पर लगा 'ग्रहण'

दरअसल, बिल्डर्स और कॉलोनाइजर्स के लिए पहले कोई नियामक संस्था नहीं थी। सिर्फ विकास प्राधिकरणों से नक्शा स्वीकृत कराकर भवन निर्माण कराया जाता था। जुलाई 2017 रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की स्थापना होने के बाद बिल्डर्स और कॉलोनाइजर्स का रजिस्ट्रेशन होने लगा। 500 स्क्वॉयर मीटर या आठ फ्लैट से ज्यादा के अपार्टमेंट्स का रेरा में रजिस्ट्रेशन जरूरी है। इससे लगा कि अवैध रूप से प्लाटिंग करने वाले बिल्डर्स पर काफी हद तक लगाम लगेगी, लेकिन विकास प्राधिकरणों में चल रहे इंजीनियर-बिल्डर गठजोड़ से 'रेरा' की मंशा फलीभूत नहीं हो पाई। इसका उदाहरण है कि पिछले एक साल में ऐसे ही आरोप में वाराणसी विकास प्राधिकरण में एक दो इंजीनियर सस्पेंड भी हो चुके हैं।

टीमों की निष्क्रियता

अवैध निर्माण रोकने के लिए वीडीए ने जोनवाइज एनफोर्समेंट टीम बना रखी है। बावजूद इसके कई इलाकों में धड़ल्ले से अवैध निर्माण जारी है। एनफोर्समेंट टीम के अभियान में अवैध प्लॉट पर हुए निर्माण, साइनेज बोर्ड आदि तो ध्वस्त कर दिए जाते हैं, अन रजिस्टर्ड अपार्टमेंट पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। इसकी बड़ी वजह एनफोर्समेंट टीम की मिलीभगत भी है।

मांगी अनरजिस्टडर् प्रोजेक्ट्स की लिस्ट

रेरा ने वाराणसी विकास प्राधिकरण से अनरजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स की लिस्ट मांगी है। इससे अवैध रूप से बिल्डिंग बनाने वाले बिल्डर्स के साथ ही वीडीए की एनफोर्समेंट टीम में अफरातफरी मच गई है। वीडीए ने अपने जोनल ऑफिसर्स को जल्द से जल्द अन रजिस्टर्ड बिल्डिंग, अपार्टमेंट को चिन्हित करने का निर्देश दिया है। टीमों को जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है।

एक नजर

- 102 प्रोजेक्ट्स हैं यूपी रेरा में रजिस्टर्ड

- 65 प्रोजेक्ट्स एप्रूव्ड थे रेरा शुरू होने से पहले

- 37 प्रोजेक्ट्स रेरा में रजिस्टर्ड हुए एक साल में

अन रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स के खिलाफ लगातार अभियान चल रहा है। एनफोर्समेंट टीम को जोनवाइज ऐसे प्रोजेक्ट की लिस्ट देने को कहा गया है। पब्लिक को भी रेरा में रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स को देखकर ही फ्लैट की खरीदारी करनी चाहिए।

राजेश कुमार, वीसी, वीडीए