-सब्जी मंडी में रेट पर नहीं पड़ा कोई असर

- ठेला व दुकानों पर हरी सब्जियों के डेढ़ गुना हुए रेट

BAREILLY:

बारिश क्या हुई हरी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे। पर, हैरत की बात है कि ये दाम सिर्फ फुटकर बाजार यानि ठेलों और दुकानों पर ही बढ़े हैं। मंडी में सब्जियों के भाव में कोई उतार-चढ़ाव नहीं आया है। बावजूद इसके पब्लिक महंगे दामों पर सब्जी खरीदने को मजबूर है।

हरी सब्जियों में लगी आग

हरी सब्जियों तरोई, भिंडी, लौकी व करैला के रेट बारिश होते ही रातों-रात डेढ़ गुना बढ़ गए। ठेले वाले सुबह गलियों में आए तो महंगे रेट बताए। हालांकि, आलू, टमाटर, प्याज, लहसुन और अदरक के रेट में ज्यादा इजाफा नहीं हुआ। इसके रेट में भी प्रति किग्रा 5 से 10 रुपए महंगा हुआ है।

सब्जी बारिश के पहले बारिश के बाद थोक रेट

लौकी 12 15 7

करेला 30 40 20

भिंडी 25 35 20

टमाटर 20 40 15

हरी मिर्च 25 30 15

अदरक 75 85 50

आलू 22 25 14

प्याज 28 30 17

फुटकर व थोक रेट की डिटेल्स।

लोकल और बाहर दोनों जगहों से हरी सब्जियां आ रही है। पिछले दिनों की अपेक्षा बारिश होने के बाद हरी सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी हुई है।

लाल, फुटकर विक्रेता

मौसम बदलने के साथ ही फुटकर विक्रेताओं के दाम बढ़ जाते हैं। तमाम बहाने बनाकर सब्जियों को ऊंची कीमतों में बेचने में सफल भी हो जाते हैं। क्योंकि सब्जी खरीदना मजबूरी है।

करमेंद्र, कस्टमर

सब्जियों के दामों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई। एक दिन की बारिश से काई फर्क नहीं पड़ा है। हालांकि फुटकर विक्रेता सब्जियों को जरूर मंहगा बेच रहे हैं।

मोहम्मद अनवर, थोक विक्रेता