चावेज पिछले एक साल से कैंसर से जूझ रहे थे और उनकी कई बार सर्जरी की जा चुकी थी. सर्जरी के बाद चावेज़ सांसों से जुड़ी नई परेशानी का सामना कर रहे थे. काफी दिनों से वे आम लोगों के बीच नहीं दिख रहे थे. पिछले महीने ही वे काफी दिनों बाद राजधानी कराकास में आम जनता से मुखातिब हुए थे.

वेनेज़ुएला के उप-राष्ट्रपति ने कुछ देर पहले ही बताया था कि चावेज़ अपना 'सबसे मुश्किल समय' काट रहे हैं. ह्यूगो चावेज़ के निधन पर दुनिया के कई नेताओं ने गहरा दु:ख जताया है. अर्जेंटीना की राष्ट्रपति क्रिस्टीना फर्नांडीज डी किर्चनर ने इस खबर को सुनने के बाद अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है. वहीं पेरू की संसद ने एक मिनट का मौन रखा.

चिली और इक्वाडोर की सरकारों ने ह्यूगो चावेज़ के निधन पर आधिकारिक शोक संदेश भेजा है. अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि ह्यूगो चावेज़ का निधन वेनेजुएला के लिए एक चुनौती भरा समय है. उन्होंने कहा कि अमरीका वेनेजुएला के लोगों के प्रति अपने समर्थन की एक बार फिर पुष्टि करता है.

अमेरिकी षड़यंत्र
ह्यूगो चावेज़ की मृत्यु की घोषणा के साथ ही मडूरो ने वेनेज़ुएला के खिलाफ चल रहे षड़यंत्र की बात की. मडूरो ने जोर देकर कहा कि उन्हें इस बात पर कोई संदेह नहीं की चावेज़ को कैंसर देश के दुश्मनों की वजह से हुआ था. अमरीका ने तत्काल इस बात को बेसिरपैर वाला ठहरा दिया.

मडूरो ने कहा कि एक वैज्ञानिक आयोग एक दिन ज़रूर इस बात की पुष्टी कर देगा कि चावेज़ का कैंसर वेनेज़ुएला के दुश्मनों की देन था. आंसुओं के साथ भरे भर्राए गले से बोलते हुए मडूरो ने अपने देशवासियों से अपील की कि वो एकता बनाए रखें. उन्होंने यह भी घोषणा की कि सरकार ने पूरे देश में सेना और पुलिस को सड़कों पर तैनात कर दिया है " ताकी आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके."

इसके अलावा उपराष्ट्रपति ने इस बात की भी घोषणा की कि उन्होंने दो अमरीकी राजनयिकों को देश की सेना पर जासूसी करने के कारण देश से निकाल दिया है. इस बीच सेना ने एक बयान दे कर कहा है कि वो देश लोगों की रक्षा करते रहेंगे साथ ही वो देश के उपराष्ट्रपति और संसद के प्रति प्रतिबद्ध हैं. चावेज़ का अंतिम संस्कार शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 10 किया जाएगा.

लोकप्रिय और विवादित नेता
पिछले 14 सालों से वेनेजुएला के राष्ट्रपति रहे 58 वर्षीय समाजवादी नेता ह्यूगो चावेज़ ने पिछले साल अक्टूबर महीने में ही चुनाव जीते थे और अगले छह सालों के लिए उन्होंने जनादेश प्राप्त किया था.

ह्यूगो चावेज़ लातिन अमरीका के सबसे मुंहफट और विवादास्पद नेताओं में से एक थे. सेना में पैराट्रूपर रहे जावेज़ साल 1992 में सैन्य तख्तापलट की विफल कोशिश के बाद नेता के तौर पर पहली बार सुर्खियों में आए थे. फिर छह वर्ष बाद ही वेनेज़ुएला की राजनीति में मची उथल-पुथल के बाद वे जनाक्रोश की लहर पर सवार होकर राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंच गए.

इसके बाद चावेज़ एक के बाद एक कई चुनाव और जनादेश अपने नाम करने में कामयाब होते गए. इनमें वो संवैधानिक जनादेश भी शामिल है जिसमें संविधान में बदलाव करके कहा गया था कि कोई व्यक्ति कितनी भी बार राष्ट्रपति बन सकता है.

 

 

 

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