मुंबई (पीटीआई)। जानी-मानी कोरियोग्राफर सरोज खान का शुक्रवार सुबह हार्ट अटैक आने से निधन हो गया। तीन बार की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सरोज की तबियत पिछले कुछ समय से सही नहीं चल रही थी। सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद उन्हें पिछले शनिवार को बांद्रा के गुरु नानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि वह कोरोना संक्रमित नहीं थी। सरोज के भतीजे मनीष जगवानी ने पीटीआई को बताया, "अस्पताल में तड़के करीब 2.30 बजे कार्डियक अरेस्ट के कारण उनका निधन हो गया।" सरोज के एक बेटे राजू खान और बेटी सुकैना खान है। मलाड में एक कब्रिस्तान में शुक्रवार सुबह उनका अंतिम संस्कार किया गया। सुकैना ने पीटीआई भाषा से कहा, "हमने उन्हें सुबह करीब 7 बजे दफनाया। प्रार्थना सभा तीन दिनों के बाद होगी।"

बाॅलीवुड जगत ने दी श्रद्घांजलि

सुपरस्टार अक्षय कुमार ने सरोज खान को श्रद्ंजलि देते हुए कहा कि, उन्होंने डांस को काफी आसान बना दिया था। अक्षय ने ट्वीट किया, "दुखद खबर है कि महान कोरियोग्राफर # सरोजखान जी अब नहीं रही। उन्होंने नृत्य को आसान बना दिया, लगभग कोई भी व्यक्ति नृत्य कर सकता है। यह फिल्म जगत के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। उनकी आत्मा को शांति मिले।" निर्देशक कुणाल कोहली, जिन्होंने फिल्म "फना" पर कोरियोग्राफर के साथ काम किया, ने खान को किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जो लोगों के अधिकारों के लिए खड़ी रहती थी। उन्होंने ट्वीट में कहा, 'वह लोगों के अधिकारों के लिए खड़ी हुईं। कभी भी परेशान नहीं हुईं कि कौन स्टार है या नहीं। हर गाने पर बिरयानी लाती थी और पूरे दल को इतने प्यार से खिलाती थी। उनकी यादें साथ रहेंगी।'

2000 से ज्यादा गाने किए कोरियोग्राॅफ

चार दशक से अधिक के करियर में, सरोज खान ने 2,000 से अधिक गीतों को कोरियोग्राफ किया। सरोज खान की जोड़ी सबसे ज्यादा श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित के साथ जमी, जो कि 80 और 90 के दशक की बेहतरीन डांसर रही। 'धक-धक' से लेकर 'एक दो तीन' तक माधुरी के इन गानों को सरोज खान ने ही कोरियाग्राफ किया था। सरोज ने तीन साल की उम्र में एक बाल कलाकार के रूप में फिल्म उद्योग में अपना करियर शुरू किया और बाद में एक बैकग्राउंड डांसर के रूप में काम करना शुरू कर दिया।

28 साल बड़े शख्स से की थी शादी

सरोज खान का असली नाम निर्मला था। जब उन्होंने इस्लाम धर्म अपनाया, फिर लोग उन्हें सरोज खान के नाम से जानने लगे। सरोज के गुरु फिल्म कोरियोग्राफर बी सोहनलाल थे। बाद में उनके बीच प्रेम हुआ और दोनों ने शादी कर ली। शादी के वक्त सरोज की उम्र 13 साल थी जबकि सोहनलाल 41 वर्ष के थे। यह सोहनलाल की दूसरी शादी थी। खान को 1974 में “गीता मेरा नाम” के साथ एक स्वतंत्र कोरियोग्राफर के रूप में पहला ब्रेक मिला, लेकिन 1987 की फिल्म “मिस्टर इंडिया” में श्रीदेवी के “हवा हवाई” गाने को उनके लिए नृत्य की कोरियोग्राफर के रूप में प्रशंसा मिली।

ये हैं इनके प्रचलित गाने

इस गाने की सफलता के बाद सरोज की पाॅपुलैरिटी बढ़ती गई। उन्होंने "नगीना" और "चांदनी" जैसी फिल्मों में श्रीदेवी को कोरियोग्राफ किया। इसके बाद माधुरी दीक्षित के साथ उन्होंने जो काम किया, वह पूरे बाॅलीवुड में छा गया। फिल्म "तेज़ाब" में "एक दो तीन" के साथ शुरुआत करते हुए, उन्होंने फिल्म थानेदार में "तम्मा तम्मा लोगे" साॅन्ग पर माधुरी से डांस करवाया। इसके बाद फिल्म 'बेटा' में 'धक धक करने लगा" गाना कौन भूल सकता है। संजय लीला भंसाली की "देवदास" से "डोला रे डोला" भी सरोज खान ने कोरियोग्राफ किया।

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