मुंबई (पीटीआई)। वेटरन फिल्ममेकर बासु चटर्जी को उनके सफल सिनेमाई करियर के लिए जाना जाता है। उन्होंने रजनीगंधा, चितचोर जैसी फिल्में बनाई और ऑडियंस को रिझाया है। हालांकि अब वो इस दुनिया में नहीं रहे। बासु गुरुवार को लंबे समय से स्वास्थ्य न ठीक रहने के चलते 93 वर्ष की आयु चल बसे। बासु सोते वक्त अपने घर में ही दुनिया छोड़ कर चले गए। बासु की दो बेटियां हैं सुनाली भट्टाचार्या और रुपाली गुहा।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जताया दुख

इंडियन फिल्म एंड टेलिविजन डायरेक्टर्स के प्रेसीडेंट अशोक पंडित ने पीटीआई को एक बताया, 'वो शांति से भगवान के पास चले गए सोते हुए सुबह के वक्त। उन्हें बुढ़ापे में होने वाली तकलीफों को सामना नहीं करना पड़ा पर ये इंडस्ट्री का बड़ा लाॅस है।' फिल्ममेकर का अंतिम संस्कार सांताक्रूज श्मशान में होगा। फिल्म इंडस्ट्री के लोग और कुछ बाहरी भी उनके निधन पर शोक जता रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, 'लेजेंड्री फिल्म डायरेक्टर और राइटर बासु चैटर्जी का निधन दुखद। उनके फिल्में छोटी सी बात, चितचोर, रजनीगंधा, ब्योमकेश बक्शी, रजनी जैसी फिल्में दी हैं। भगवान उनके परिवार को दुख सहने की शक्ति दे।'

प्रोग्रेसिव सिनेमा का बनाते थे

एक समय में उनका सिनेमा प्रोग्रेसिव हुआ करता था। उसमें कोई जल्दबाजी नहीं होती थी और हर दिन की नाॅर्मल लाइफ दिखाई जाती थी। उसमें कभी कप में चाय पीते सीन होते थे, कभी रोमांस होता था वो भी बस, ट्रेन और ऑफिस की बिल्डिंग में। उनके कुछ बेहतरीन कामों में उस पार, चितचोर, पिया का घर, कट्टा- मीठा और बातों बातों में शामिल है। फिल्ममेकर चल बसे पर वो अपनी बेहतरीन फिल्मों से हमेशा हमें याद रहेंगे।

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