नई दिल्ली (एएनआई)। 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्धों के नायक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) आर एन चिब्बर का शनिवार को निधन हो गया। अनुभवी सेना अधिकारी वशिष्ठ सेवा पदक से सुशोभित 86 साल के थे। 23 सितंबर, 1934 को जन्मे, मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) चिब्बर 2 जून, 1955 को सेना में शामिल हुए। एक उत्कृष्ट अधिकारी चिब्बर ने 8 जाट रेजिमेंट को कर्नल के रूप में कमांड किया। उनकी विशेषज्ञता और असाधारण रणनीति ने उन्हें एक शानदार अधिकारी के रूप में सबसे आगे रखा।1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के बाद, वह 1972 से 1975 तक अफगानिस्तान में मिलिटरी अताशे के रूप में तैनात थे।
खुद को करुणा भरे व्यक्ति के रूप में रिप्रजेंट किया
मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) चिब्बर ने खुद को न केवल असाधारण योग्यता के अधिकारी के रूप में, बल्कि एक मानवतावादी और करुणा भरे व्यक्ति के रूप में रिप्रजेंट किया। उनके सहयोगी कर्नल (सेवानिवृत्त) माखन सिंह गिल ने कहा कि वह एक संत सिपाही थे, एक बहुत सम्मानित और प्रशंसित अधिकारी थे और जो उन्हें जानते थे, उनसे बहुत प्यार करते थे। उनके निधन की खबर सुनते ही हर तरफ शोक की लहर फैल गई है। यह एक दुर्लभ पल कहा जा सकता है कि एक व्यक्ति अपनी सेवानिवृत्ति के तीन दशक बाद भी इतने सारे लोगों के दिलों में अविस्मरणीय है।

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