27 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने दी फिर नई तारीख

6 अप्रैल 2008 विक्टोरिया पार्क में कंज्यूमर मेले का उद्घाटन

10 अप्रैल 2006 शाम को विक्टोरिया पार्क में अग्निकांड

65 लोग अग्निकांड में मारे गए

161 लोग इस अग्निकांड में हुए घायल

2006 में ही जस्टिस ओपी गर्ग आयोग का गठन, सरकार को सौंपी रिपोर्ट

4 मई 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने कहाकि उपहार सिनेमा कांड की तर्ज पर मुआवजा दे सरकार

9 मई 2012 को सरकार ने मांगी दो महीने की मोहलत

जुलाई 2014 सुप्रीम कोर्ट ने फिर जांच आयोग का गठन किया।

जून 2015 से जस्टिस एसबी सिन्हा आयोग की रिपोर्ट पर चली बहस

Meerut। करीब 12 साल पहले विक्टोरिया पार्क में हुए अग्निकांड की यादें आज भी ताजा हैं, जिसमें मेला देखने आए 65 लोग जिंदा जल गए थे। 161 लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे। बुधवार को इस केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी, कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद इस केस की 27 फरवरी की नई तारीख्ा दे दी।

12 साल से सिर्फ तारीख

विपिन गोयल

भीषण अग्निकांड में जवान बेटे को खोने वाले ब्रह्ममपुरी निवासी 40 वर्षीय विपिन गोयल ने बताया कि उनका 24 वर्षीय इकलौता बेटा अनुज गोयल मोदी जीरोक्स कंपनी में करता था। मोदी जीरोक्स कंपनी का विक्टोरिया पार्क मेले में कैंप लगा था। उसमें उनकी डयूटी थी। जैसे ही वहां पर आग लगी तो उनका बेटा भी चपेट में आ गया। दूसरों को बचाने के लिए वह खुद आग से झुलस गया। इसके बाद उसने थोड़ी देर में दम तोड़ दिया। विपिन बताते हैं कि बेटे की मौत के गम में मां कमलेश गोयल भी चल बसीं। आज भी मुआवजे के नाम पर कोर्ट में महज तारीखें मिल रही हैं। न जाने कब हमें न्याय मिलेगा।

'मां-बाप के बिना अधूरा है परिवार'

नरेश तायल

सिविल लाइन निवासी नरेश तायल ने बताया कि वे 10 अप्रैल 2006 को पिता रमेश चंद्र तायल व मां मालती तायल, दोनों बेटे अभिषेक व अवनीष तायल के साथ विक्टोरिया पार्क में लगे मेला देखने गए थे। शाम को मेले में जैसी ही आग लगी तो उनके माता पिता आग से झुलस गए। कुछ ही देर में उन्होंने दम तोड़ दिया। जबकि वे बेटे व खुद किसी तरह से भाग निकले थे। गमगीन नरेश बताते हैं कि आज भी मां-बाप की कमी सालती है। अभी तक मुआवजे के लिए भी चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट से भी महज तारीखें ही मिल रही हैं।

'पांच लोगों की मौत से टूटा परिवार'

संजय गुप्ता

लंदन स्पो‌र्ट्स कंपनी के मालिक संजय गुप्ता ने बताया कि 10 अप्रैल 2016 को बड़े भाई अजय गुप्ता अपनी पत्‍‌नी संगीता गुप्ता व बेटी बेटी आकृति, अनुष्का व अनिशा के साथ घर से फिल्म देखने के लिए निकले थे। रास्ते में अचानक उनके किसी दोस्त का फोन आया कि विक्टोरिया पार्क में बहुत अच्छा मेला है। मेला देखकर फिल्म देखने चले जाना। इसके बाद उनके भाई पांचों लोगों को लेकर मेला देखने के लिए चले गए। इसके बाद वह कभी वापस नहीं आए। भीषण अग्निकांड में झुलसकर पांचों लोगों की मौत हो गई। संजय गुप्ता ने बताया कि उन्होंने मेला संचालक के विरूद्ध कार्रवाई के लिए विक्टोरिया पार्क आहत कल्याण समिति बनाई। कोर्ट में मुआवजे के लिए केस किया गया। लेकिन अभी तक सिर्फ तारीख ही मिली हैं। समिति के अध्यक्ष संजय गुप्ता ने बताया कि आयोजक लखन तोमर समेत पांच लोगों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए स्टे ले रखा है।