2 जुलाई 2020 की वो खौफनाक रात. जब कानपुर के बिकरू गांव में देर रात डेढ़ बजे 40 पुलिस कर्मियों को साथ सीओ और तीन थाने के थानेदार बिकरू में दबिश देने गए थे. इस दौरान विकास दुबे के घर से 200 मीटर दूर लगी जेसीबी मशीन को पार करते ही क्या हुआ था? इस पूरे कांड में 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे, जबकि कई पुलिस कर्मी घायल हुए थे. इन्हीं पुलिस कर्मियों में से किसी के पेट में गोली लगी थी तो किसी के पैर में. किसी के हाथ में गोली लगी थी तो किसी के शरीर के अन्य भागों में बुलेट के छर्रे. अब तक आपको तमाम मीडिया की खबरों में सुनी सुनाई बातें बताई गईं, लेकिन इस सनसनीखेज वारदात के दो चश्मदीद अब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के सामने आए हैं. जो इस पूरी दबिश में न सिर्फ शामिल थे बल्कि दो साल से गोलियों के प्रभाव से जूझकर इलाज करा रहे थे. ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद पहली मुलाकात में क्या कहते हैं चश्मदीद पुलिसकर्मी. देखें इस स्पेशल रिपोर्ट में।