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Mahatma Gandhi: गांधी जी की यादों में लिपटी हुई एक मेज की कहानी

By: Chandra Mohan Mishra | Updated Date: Wed, 02 Oct 2019 14:40:57 (IST)
8 फरवरी सन् 1921 गोरखपुर के रेलवे स्टेशन पर सुबह सवेरे ही गांधी जी और शौकत अली की जय की सदा गूंज रही थी। हज़ारों लोगों की भीड़ उनकी एक झलक पाने को बेचैन थी। ट्रेन के पहुंचते ही जोश और बढ़ गया। घुटनों तक धोती पहने दुबला-पतला एक व्यक्ति समर्थकों के साथ स्टेशन से बाहर निकला और एक ऊंचे स्थान पर खड़ा होकर जनता का अभिवादन स्वीकार किया। यह दुबले पतले व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि देश की धड़कन गांधी जी थे। आज़ादी की जंग में गोरखपुर की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वो यहां पहुंचे थे। उसी दिन उन्होंने बाले मियां के मैदान से जनता को संबोधित किया। इस दिन इस ऐतिहासिक पल के गवाह गोरखपुर के लोग ही नहीं कोई और भी बना। जो आज भी गांधीजी की याद के रूप में मौजूद है। जिसे देखने आज भी लोग आते हैं। जिसकी कहानी आज भी दोहराई जाती है। यह कोई और नहीं बल्कि वह मेज है जिसे गांधी जी की सभा के लिए उपयोग किया गया था।
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