रहस्य और रोमांच से भरी हैं वाणावर की मौर्य कालीन गुफाएं। जहानाबाद बिहार में मौजूद ये गुफाएं दुनिया की पहली मानव निर्मित गुफाए हैं। इन गुफाओं में पत्थर और इंसानों के बीच का रिश्ता साफ नजर आता है। वाणावर को आम भाषा में बराबर या सतघरवा की गुफाएं भी कहा जाता है। इन गुफाओं को 322-185 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक और उनके वंशजों ने बनवाया। सम्राट अशोक ने अपने राज्याभिषेक की वर्षगाठ पर आजीवक साधकों को दान की थीं ये गुफाएं। अशोक के पिता बिंदुसार आजीवक मत को मानते थे, इसलिए उन साधकों के लिए बनवाईं गुफाएं। विशालकाय पत्थर को अंदर से काटकर उसमें बड़े-बड़े गुफाओं का निर्माण किया गया था। यहां सुदामा, लोमश ऋषि, करण चौपड़ और विश्व झोपड़ी के नाम से 4 मुख्य गुफाएं हैं। गुफा की भीतरी दीवार का चिकनापन और पॉलिस बताते हैं उस दौर की शानदार कहानी। वाणावर की गुफाओं के भीतर गर्मियों में ठंडक तो सर्दी में होता है गर्म एहसास। ईसा पूर्व में बनीं इन शानदार गुफाओं को देखकर टूरिस्ट भी रह जाते हैं हैरान।