Bihar में बुनकरों का ये गांव कैसे बन गया IIT इंजीनियर्स की फैक्टरी, जहां पूरे हो रहे गरीब युवाओं के बड़े सपने। दिसंबर का लास्ट वीक चल रहा है. शाम ढल चुकी है. Bihar के Gaya का मिनिमम टेंपरेचर 10 डिग्री सेल्सियस के करीब है. शहर सुस्ताने लगा है. लेकिन पटवा टोली गांव में पावरलूम की खटखट चालू है. शाम ढलने और रात गहराने के साथ ही पावरलूम की खटखट का शोर बढऩे लगता है. क्योंकि दिन में सड़कों की कोलाहल के बीच इसकी शोर सुनाई कम देती है. पटवाटोली में पावरलूम की खटखट इंसानी हार्ट बीट की तरह है. यह तीन पालियों में 24 घंटे चलता ही रहता है. इन्हीं शोर के बीच एक खामोशी भी है. यह खामोशी पावरलूम से दूर जाने की तैयारी को लेकर है. पावरलूम से सीधे आईआईटी कैंपस जाने की तैयारी. इस तैयारी में बेटे और बेटियां सभी साधक की तरह जुटे हैं. करीब 100 गर्ल्स स्टूडेंट्स पिन ड्रॉप साइलेंटस वाले एंबियंस में सेल्फ स्टडी में लगी हैं. यह नजारा कोई एक दिन का नहीं, बल्कि पावरलूम की तरह हर दिन का होता है. बिहार के एक छोटे गांव से सैकड़ों गरीब बच्चे कैसे बन रहे हैं आईआईटी इंजीनियर्स, देखें Dainik Jagran-inext Patna के उज्जवल कुमार की गया से यह स्पेशल रिपोर्ट...