India का एक ऐसा मंदिर, जहां पुरुषों का प्रवेश वर्जित है और पुजारी महिला ही हो सकती है। एक ऐसा मंदिर, जहां पुरुषों का प्रवेश वर्जित है, पुजारी भी महिला ही हो सकती है। यहां केवल महिलाएं ही जा सकती हैं गर्भगृह में, वर्तमान में अवंतिका मिश्रा हैं पुजारी। बिहार का अहिल्यास्थान वही जगह है, जहां शाप मुक्त हुई थीं अहिल्या जी। दरभंगा जिले के कमतौल में इसी जगह पर था गौतम ऋषि का आश्रम। गौतम ऋषि ने दिया था शाप तो शिला रूप में अहिल्या ने किया श्रीराम का इंतजार। भगवान राम की चरण रज से पत्थर से वापस नारी रूप में प्रगट हुईं थीं अहिल्या। रामायण सर्किट का अहम हिस्सा माना जाता है बिहार का अहिल्यास्थान। राजा क्षत्र सिंह ने 600 साल पहले अहिल्याजी के लिए इस मंदिर का निर्माण कराया।