कभी कोयला खदान में काम करते थे पिता, गरीबी में 1-1 रुपये जोड़ खरीदी गेंद, आज हैं करोड़ों के मालिक। भारतीय टीम के धूंआधार गेंदबाज उमेश यादव आज करोड़ों की संपत्ति के मालिक है लेकिन उन्होंने अपने बचपन में काफी गरीबी और स्ट्रग्ल देखा है। इसके बावजूद उमेश ने हार नहीं मानी और अपने सपनों का साकार किया। उनके पिता कोयले की खदान में काम करते थे। वो चाहते थे कि उमेश पढ़ाई लिखाई करें लेकिन फाइनेंशियल क्राइसिस के चलते वह उमेश को नहीं पढ़ा सके। उमेश की पर्सनैलिटीअच्छी होने की वजह से उनके पिता उन्हें पुलिस या सेना में भेजना चाहते थे, मगर उमेश यादव बचपन से ही क्रिकेट के लिए पागल थे। इसके बाद उमेश ने अपने पिता से कहा कि वह क्रिकेट में अपना करियर बनाना चाहते हैं। उस समय तक उमेश के पिता के पास भी इतना पैसा नहीं था कि वो उमेश के क्रिकेट का खर्चा उठा सकें, लेकिन फिर भी उन्होंने एक-एक रुपये जोड़कर लेदर की बॉल खरीदी और उससे प्रैक्टिस करने लगे। उनकी उसी जिद का नतीजा है कि, उमेश आज टीम इंडिया के बेहतरीन बॉलर है। बता दें कि उमेश यादव 2015 के वर्ल्ड कप में 18 विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले बाॅलर बने थे।