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रोमांच और परंपरा की बेहतरीन जुगलबंदी है प्रयागराज की गहरेबाजी, इतिहास भी है काफी इंट्रेस्टिंग

By: Inextlive Desk | Publish Date: Mon, 12 Aug 2024 21:48:55 (IST)

रोमांच और परंपरा की बेहतरीन जुगलबंदी है प्रयागराज की गहरेबाजी, इतिहास भी है काफी इंट्रेस्टिंग। प्रयागराज में कई सदियों से हो रही है गहरेबाजी प्रत‍ियोग‍िता। गहरेबाजी प्रत‍ियोग‍िता एक तरह की तांगा दौड़ है। सदियों से इतिहास, रोमांच और परंपरा का संगम रही है गहरेबाजी। प्रयागराज में गहरेबाजी की शुरुआत 18वीं सदी में हुई थी। मुगलकालीन समय में अमीरों को था घुड़दौड़ का शौक। धीरे-धीरे ये शौक एक परंपरा में बदल गया। आज भी वही पुराने उत्साह के साथ की जाती है गहरेबाजी। गहरेबाजी का आयोजन प्रयाग गहरेबाजी संघ द्वारा सावन के हर सोमवार को होता है। संघ स्थानीय लोगों और घुड़दौड़ के शौकीनों का एक समूह है। सदस्य मिलकर धन जुटाते हैं, घोड़ों और सवारों का चयन करते हैं। ये तांगा दौड़ एक से पांच क‍िलोमीटर तक की होती है। आम लोग, शौकीन लोग प्रत‍ियोग‍िता में भाग लेते हैं। विजेताओं को सम्मान के साथ द‍िया जाता है पुरस्कार। घोड़ों की नस्ल और ट्रेनिंग पर काफी ध्यान दिया जाता है।

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