Agra में पर्यटकों की नजर से दूर आगरा में पत्थर घोड़ा की सराय, अकबर ने अपने प्यारे घोड़े की मौत पर बनवाई थी मूर्ति!
आगरा में अकबर के घोड़े का स्मारक, जो आगरा दिल्ली नेशनल हाईवे पर है. लेकिन ये आगरा आने वाले पर्यटकों की नजरों से दूर है। यहां से गुजरने वाले राहगीरों के कदम लाल घोड़े के स्मारक को देख ठिठक जाते हैं। संत ख्वाजा काफूर के मस्जिद परिसर में लगी है घोड़े की मूर्ति, जो साल 1922 में यहां पुर्नस्थापित की गई थी।
इतिहास के पन्नों पर नजर डालने पर जानकारी मिलती है कि मुगल शहंशाह अकबर ने अपने प्रिय घोड़े की मृत्यु होने पर उसकी कब्र पर घोड़े की यह मूर्ति लगवाई थी. आगरा-मथुरा हाईवे पर रेलवे ओवरब्रिज के नजदीक बाईं तरफ इतिबारी खां की मस्जिद के परिसर में रेड सैंड स्टोन के प्लेटफॉर्म पर लगी हुई घोड़े की मूर्ति ध्यान आकर्षित करती है. एक ही पत्थर को तराशकर बनाई गई मूर्ति के बारे में एएसआई द्वारा वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार यह मूर्ति अकबर ने अपने प्रिय घोड़े की मृत्यु के बाद उसकी कब्र के ऊपर लगवाई थी. अकबर ने दिल्ली से आगरा तक अपने घोड़े पर सफर किया था. थकान के चलते घोड़े की मौत हो गई और उसे यहीं दफना दिया गया. घोड़े की कब्र वर्तमान जगह न होकर कहीं और थी. रेलवे लाइन के पास पड़ी मिली घोड़े की मूर्ति को आज से 98 वर्ष पूर्व 1922 में वर्तमान जगह लगा दिया गया था. घोड़े की मूर्ति के कान और पैर टूटे हुए थे. इसलिए उसे प्लेटफार्म बनाकर लगाया गया है, जबकि पूर्व में यह घोड़ा अपने पैरों पर खड़ा था.