JAMSHEDPUR: भुइयांडीह के लिट्टी चौक से भिलाई पहाड़ी तक प्रस्तावित सिग्नेचर ब्रिज को लेकर तरह-तरह की अफवाह फैलाई जा रही है। सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है। सिग्नेचर ब्रिज के लिए कोई घर नहीं टूटेगा। जमशेदपुर में यह पुल जहां से शुरू होगा, वहां टाटा टिमकेन के क्वार्टर हैं। इसे तोड़ा जा रहा है, किसी आम आदमी का घर नहीं टूटेगा। ज्ञात हो कि 250 करोड़ रुपये का यह पुल शहर की पहचान बनेगा।

उपायुक्त कार्यालय में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में सांसद ने कहा कि इसी तरह टाटा-बादामपहाड़ थर्ड लाइन और आरओबी (रोड ओवरब्रिज) के लिए गोविंदपुर और परसुडीह के झारखंड नगर में घर-मकान तोड़ने की बात हो रही है। फिलहाल इसके लिए रेलवे ने कोई नोटिस नहीं दिया है। उपायुक्त को भी इसकी जानकारी नहीं है। वैसे उपायुक्त ने कहा कि यदि निर्माण के लिए घर-मकान हटाना आवश्यक होगा तो इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि नुकसान कम से कम हो।

जुगसलाई आरओबी का काम टला

जुगसलाई फाटक के पास निर्माणाधीन आरओबी (रोड ओवरब्रिज) का काम फिलहाल टल गया है। सांसद ने बताया कि पहले इसका निर्माण कार्य 20 अक्टूबर से होना था, लेकिन फिलहाल ब्रिज की वजह से विस्थापित होने वालों को बसाने के बाद किया जाएगा। विस्थापितों के लिए पास में ही पुनर्वास की व्यवस्था की जा रही है, जिस पर करीब 14 लाख रुपये खर्च होंगे। यह राशि टाटा स्टील देगी। विस्थापितों की शिफ्टिंग के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा।