लंदन (पीटीआई)भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन की अदालत ने बड़ा झटका दिया है। दरअसल, लंदन की हाईकोर्ट में माल्या ने अपने भारत में प्रत्यर्पण के खिलाफ एक याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है। बता दें कि 64 वर्षीय माल्या ने इस साल फरवरी में यह याचिका दायर की थी, जिसपर अब फैसला आया है। लंदन रॉयल कोर्ट में लॉर्ड जस्टिस स्टीफन इरविन और जस्टिस एलिजाबेथ लिंग की पीठ ने माल्या की याचिका खारिज की है। लंदन की न्यायिक प्रक्रिया के अनुसार, विजय माल्या अब 14 दिनों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील कर सकता है। यदि, निर्धारित समय के अंदर वह शीर्ष अदालत में अपील नहीं करता हैं, तो प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और 28 दिनों के भीतर उसे भारत भेज दिया जाएगा।

ब्रिटेन में जमानत पर है माल्या

बता दें कि यह माल्या के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मामले के लिए एक प्रमुख मोड़ है, जो अप्रैल 2017 में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से ब्रिटेन में जमानत पर है। इससे पहले 10 अप्रैल को लंदन में उच्च न्यायालय ने विजय माल्या को राहत देते हुए, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह की याचिका पर सुनवाई टाल दी है। दरअसल, बैंकों ने अपनी याचिका में अदालत से माल्या को दिवालिया घोषित करने की मांग की थी ताकि वह उससे लगभग 1.145 बिलियन पाउंड का लोन वसूल सकें। गौरतलब है कि पिछले चार साल से विदेश में रह रहे माल्या आरोपों का सामना करने के चलते भारत लौटने को तैयार नहीं हैं। उसपर कथित रूप से 13 भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है।

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