उनमें सांपो का खून

कल हंगेरियन मुक्केबाज एलेक्जेन्डर होरवेथ और भारत के पहले पेशेवर मुक्केबाज विजेंदर सिंह की बीच जबर्दस्त मुकाबला हुआ। जिसमें विजेंदर ने हंगरी के एलेक्जेंडर होर्वाथ से लीवरपूल के इको एरेना को नॉक आउट पंच के साथ तीसरे राउंड में ही शिकस्त दी। दोनों ही एक दूसरे को हराने के लिए काफी एक्साइटेड होकर रिंग में उतरे। सबसे खास बात तो यह है कि रिंग में उतरने से पहले होरवाथ का कहना था कि उनकी नसों में सांपों का खून दौड़ रहा है और ऐसे में हो ही नहीं सकता कि विजेंद्र उन्हें हरा सकें। हालांकि यह मुकाबला थोड़ा उतार चढ़ाव वाला था।

लड़खड़ाकर गिर गए

इस मुकाबले में पहले राउंड में विजेंदर ने होरवाथ के ख़िलाफ़ अच्छी शुरुआत की, लेकिन दूसरे राउंड में विजेंदर ने दो-तीन स्ट्रेट पंच उन पर जमाए। जिससे कुछ पलों के लिए विजेंद के फैंस थोड़ा सकते में आ गए, लेकिन तीसरे राउंड में विजेंदर सिंह ने होरवाथ को कोई मौक़ा नहीं दिया और एक ज़ोरदार साइड पंच जमाया। इस दौरान होरवाथ रिंग में लड़खड़ाने लगे और गिर गए। वहीं इस जीत के बाद विजेंदर ने ट्वीट किया। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी ये जीत जम्मू-कश्मीर और पठानकोट में आतंकी हमले के वक्त इंडियन आर्म्ड फोर्स के शहीद जवानों को डेडिकेट कर दी है।

शहीदों के नाम

बतातें चलें कि हंगेरियन मुक्केबाज एलेक्जेन्डर होरवेथ भारतीय पेशेवर मुक्केबाज को हराने के लिए लंबे समय से सांपो का खून पी रहे थे। सांप का खून पीने के लिए वह अपने देश के इतिहास को भी साक्षी मानते थे। उनका कहना है कि हंगरी के सैनिका और तुर्कों में युद्ध हुआ था तो सैनिकों ने सांप के खून का सेवन किया था। जिसके बाद फाइनली सैनिकों ने तुर्कों को हरा दिया था। वहीं विजेंदर सिंह भी अपनी इस फाइट के लिए जमकर पसीना बहा रहे थे। कहा जा रहा है कि बस देशी घी का सेवन करके विजेंदर लगातार अपनी प्रैक्िटस पर ध्यान दे रहे थे।

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