ग्वालियर / मुंबई (पीटीआई)। यूपी के कानपुर एनकाउंटर मामले की जांच जारी है। हालांकि इस मामले का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार को पुलिस संग हुई मुठभेड़ में मारा गया। वहीं पुलिस अभी उसके सहयोगियों की धरपकड़ कर रही है। गैंगस्टर विकास दुबे के दो फरार साथियों को एटीएस ने महाराष्ट्र के ठाणे से गिरफ्तार किया है। आरोपी अरविंद उर्फ गुड्डन त्रिवेदी और उसका ड्राइवर सोनू तिवारी हाल ही में हुई आठ पुलिस वालों की हत्या और 2001 में राज्य मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या के संबंध में वांछित हैं। मुंबई एटीएस की जुहू इकाई की एक टीम ने पड़ोसी ठाणे में कोलशेट से दोनों को गिरफ्तार किया है।

विकास के साथियों को शरण देने के आरोपी अरेस्ट

वहीं कानपुर एनकांउटर को लेकर पुलिस (ग्वालियर रेंज) के अतिरिक्त निदेशक गेराल (एडींजी) राजा बाबू सिंह ने शनिवार को कहा कि यूपी पुलिस ने ग्वालियर के दो निवासियों ओमप्रकाश पांडे और अनिल पांडे को 7 जुलाई को हिरासत में ले लिया और उन्हें उसी दिन कानपुर ले गई थी। इन पर आराेप है कि इन्होंने मारे गए विकास दुबे के दो सहयोगियों को शरण दी थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों को शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के चौबेपुर पुलिस ने औपचारिक रूप से हिरासत में रखा था।एडीजी ने कहा कानपुर पुलिस ने 7 जुलाई को दोनों को हिरासत में लेने पर मध्य प्रदेश पुलिस से कोई सहायता नहीं ली।

शशिकांत पांडे और शिवम दुबे को शरण दी थी

एडीजी ने कहा कि राज्य पुलिस जांच में अपने उत्तर प्रदेश के समकक्षों की मदद कर रही है। स्थानीय पुलिस को उनकी गिरफ्तारी के बारे में सूचित नहीं किया गया था। उनके अनुसार भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 216 (अपराधियों को शरण देने) के तहत दोनों को गिरफ्तार किया गया है।पुलिस सूत्रों ने कहा कि ग्वालियर के निवासियों ने कथित रूप से शशिकांत पांडे और शिवम दुबे को शरण दी थी जो कानपुर में पिछले सप्ताह बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के सहयोगी थे।

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