i reality check

- हाईवे पर स्थित ढाबे व होटल बंद कर ट्रक चालकों को गांव में दी जा रही व्यवस्था

खाने से लेकर ढाबे के सामने खड़े ट्रकों की सुरक्षा के नाम पर की जा रही पैसे की उगाही

mukesh.chaturvedi@inext.co.in

PRAYAGRAJ: हाईवे पर होटलों और ढाबों के सामने दर्जनों ट्रक खड़े हैं। ट्रकों की लम्बी-लम्बी कतार और परेशान और बेहाल ट्रक ड्राइवर। ऐसी तस्वीर लॉकडाउन के बाद लगभग सभी हाइवे पर देखी जा सकती है। ऐसा ही नजारा इन दिनों प्रयागराज में भी हाइवे पर दिख रहा है। ऐसे में इन ट्रकों के चालकों व खलासी की जिंदगी दूभर हो चली है। पास में जो रुपये थे वह भी समाप्त होने के कगार पर हैं। ट्रक चालकों की यह दयनीय दशा दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में सामने आई।

ढाबा मालिकों ने गांव में दे रखी है शरण

इन चालकों को गांव में शरण देने वाले ज्यादातर लोग वही हैं जिनके हाईवे पर ढाबे व होटल हैं। इसके लिए बाकायदा ट्रक चालकों व खलासी से रुपए लिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, होटल व ढाबे के सामने हाईवे पर ट्रकों को खड़ा करने के लिए भी चार्ज वसूले जा रहे हैं। लॉकडाउन में हाईवे के ढाबे व होटल बंद जरूर हैं, मगर इनके मालिकों की कमाई उसी तरह चल रही है। वसूली का यह पूरा खेल फाफामऊ के आगे सोरांव कस्बे से लेकर मऊआइमा एरिया में खूब देखने को मिला। ।

इस तरह की सच्चाई की पड़ताल

-रिपोर्टर लॉकडाउन के बीच हाईवे पर फंसे ट्रक व इनके चालकों की समस्या जानने के लिए सुबह 11 बजे निकला।

-रिपोर्टर सोरांव से करीब दो किमी आगे बढ़ा तो दो ढाबे मिले। सामने कई ट्रकें खड़ी थीं लेकिन ड्राइवर नहीं थे।

-रिपोर्टर ने तलाशा तो पता चला कि चालक रोड पर ट्रक खड़ी कर गांव में शरण लिए हुए हैं

-यह सुन रिपोर्टर ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि ढाबा मालिकों ने ही गांव में इनके ठहरने का इंतजाम कर रखा है।

-लॉकडाउन के चलते वह ढाबा खोल नहीं सकते। लिहाजा वह रुपए लेकर गांव के अंदर सारा इंतजाम कर रहे हैं

दिया चौंकाने वाला जवाब

-रिपोर्टर मऊआइमा की तरफ आगे बढ़ा और कस्बे के आगे ढाबे के सामने दर्जनों ट्रकें खड़ी नजर आई।

-यहां भी चालक तो नहीं मिले, पर दो तीन लोगों से मुलाकात हुई। पूछने पर उनका जवाब चौंकाने वाला रहा

-झांसा देते हुए बोले सभी ट्रक चालकों का यहां पास के गांव में घर है, वह ट्रक खड़ी कर घर चले गए हैं

-रिपोर्टर के दिमाग में सवाल उठाने लगा कि एक ही गांव में दो दर्जन के करीब ट्रक चालक कैसे हो सकते हैं?

- खैर हाईवे पर खड़े लोड ट्रकों की सुरक्षा को लेकर रिपोर्टर ने उनसे सवाल किया, जवाब मिला सारी व्यवस्था ढाबे की तरफ से है

-बताया गया कि सुरक्षा के लिए चालकों से ढाबा मालिक प्रति ट्रक 50 रुपए रोज का लिया जाता है

-इन रुपयों के एवज में ट्रकों की हिफाजत के लिए दो सुरक्षा गार्ड रखे गए हैं, जिन्हें रोज का सौ रुपये दिए जाते हैं

सब जगह का यही हाल

-रिपोर्टर आगे बढ़ा और मऊआइमा के रामफलइनारी गांव के सामने जा पहुंचा, यहां एक ढाबे के सामने कई ट्रकें खड़ी मिलीं।

-ढाबे पर पहुंचने पर मोबीन नामक एक शख्स से मुलाकात हुई, पूछने पर उसने भी बताया कि ट्रकों के चालक गांव के ही हैं

-ट्रक खड़ी कर वे घर चले गए है., ट्रक की सुरक्षा के सवाल पर वह बोला कि यह काम मैं ही करता हूं, इसके लिए प्रति ट्रक 20 रुपये चालक देते हैं।

-इसी से सिक्योरिटी गार्ड को देते हैं और खुद का भी परिवार चला रहे हैं, कुल मिलाकर मजबूर चालकों से उगाही का धंधा हाईवे पर चल रहा है।