- श्यामो गांव में जाटव व वाल्मीकियों में हुआ था संघर्ष

- शुक्रवार को पंचायत में दोनों पक्ष में राजीनामा, केस वापस लेने की मांग

आगरा। ताजगंज के श्यामो गांव में चार दिन पहले हुए जातीय संघर्ष में पुलिस ने 11 लोगों को जेल भ्ेाज दिया था। इसके बाद गिरफ्तारी के डर से दोनों पक्ष के अधिकांश लोग गांव से पलायन कर गए हैं। शुक्रवार को दोनों समाज के लोगों ने पंचायत में राजीनामा कर लिया। पुलिस से दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की।

आधा दर्जन हुए घायल

श्यामो में मंगलवार की रात को वाल्मीकि और जाटव समाज के युवकों में मारपीट हो गई थी। बुधवार सुबह विवाद ने जातीय संघर्ष का रूप ले लिया। उनके बीच पथराव और लाठी-डंडे चलने से दहशत फैल गई। संघर्ष में बालिका समेत आधा दर्जन लोग घायल हो गए थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अपनी ओर से गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर बवाल करने वालों को जेल भेजना शुरू कर दिया।

पलायन कर गए क्षेत्रीय लोग

बवाल में 30 लोग नामजद हैं। गिरफ्तारी के डर से दोनों बस्ती के अधिकांश लोग घरों से पलायन कर गए हैं। शुक्रवार को दोनों समाज के लोगों द्वारा पंचायत बुलाई गई थी। ग्राम प्रधान भूरा राजपूत ने दोनों पक्ष के लोगों को गले मिलाकर राजीनामा कराया। दोनों पक्षों का कहना था कि गांव में विवाद कुछ शरारती तत्वों ने कराया। इसका दोनों समाज के लोगों से कोई लेना-देना नहीं है। पंचायत में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता विजय सिंह लोधी, पूरन सिंह, नत्थीलाल, हुब्बलाल, प्रयाग सिंह, प्रवेंद्र कुमार, मनोज कुमार आदि ने एसएसपी से मुकदमा वापस लेने की मांग की।

पंचायत में यह लोग रहे मौजूद

वाल्मीकि समाज की ओर से लाखन सिंह, भोला, राम, अंकित, अंगूरी देवी जबकि जाटव समाज के नेत्रपाल सिंह, खेमचंद, सतीश, बाबूलाल, मेघाराम आदि थे।