नए संविधान का जश्न और विरोध साथ

नया लोकतांत्रिक संविधान लागू होने का सोमवार को कई जगहों पर जश्न मनाया गया। राजधानी काठमांडू में तीन बड़े दलों ने इसके समर्थन में रैली की। दूसरी ओर, संविधान के कुछ प्रावधानों के खिलाफ हिंसक विरोध-प्रदर्शन भी जारी है। विराटनगर में मधेसी प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने गोली चलाई। इस घटना में तीन लोग घायल हो गए। इनकी हालत गंभीर है। सिराहा जिले में प्रदर्शनकारियों ने संविधान की प्रतियों को आग के हवाले कर दिया। इन घटनाओं से संविधान लागू किए जाने के बाद पूरे देश में एक सप्ताह तक चलने वाले समारोह के शांतिपूर्ण ढंग से बीतने की संभावनाएं क्षीण हो गई हैं।

विरोधियों को वार्ता का निमंत्रण

काठमांडू में तीन प्रमुख पार्टियों नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल और यूसीपीएन-माओवादी ने संयुक्त रूप से रैली कर संविधान लागू होने का जश्न मनाया। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने रैली को संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारियों को वार्ता की मेज पर आने का न्योता दिया। यूसीपीएन- माओवादी अध्यक्ष प्रचंड और सीपीएन-यूएमल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली ने भी बातचीत से विवाद सुलझाने की अपील की। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने अन्नपूर्णा टाइम्स से बातचीत में नए संविधान पर नाखुशी जताई है।

मघेसी और थारू हैं विरोध में

उल्लेखनीय है कि मधेसी और थारू समुदाय के लोगों की अपत्तियों को दरकिनार करते हुए राष्ट्रपति रामबरन यादव ने रविवार को नया संविधान लागू किया था। संविधान के कुछ प्रावधानों के खिलाफ करीब एक महीने से चल रहे विरोध-प्रदर्शन से पूरा देश प्रभावित है। हिंसक विरोध-प्रदर्शन में अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है। हालात पर भारत भी चिंता जता चुका है।

गाय बनी राष्ट्रीय पशु

नए संविधान में हिंदुओं की पूजनीय गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। नेपाली कांग्रेस के महासचिव कृष्णा प्रसाद सितौला ने बताया कि हिंदुओं की भावनाओं का ध्यान रखते हुए गाय को संवैधानिक संरक्षण दिया गया है और उसके वध पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने बताया कि पहली संविधान सभा द्वारा हटाए गए इस प्रावधान को दुबारा नए संविधान में जोड़ा गया। संविधान सभा के कुछ सदस्यों ने एक सींग वाले गैंडा को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव दिया था।

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