RANCHI: झारखंड की ऐतिहासिक संस्कृति की साक्षी प्राचीन मूर्तियां, ताम्रपत्र और शिल्प की अनमोल धरोहरें राज्य के विभिन्न थानों के मालखानों में कैद हैं। जबकि होटवार स्थित स्टेट म्यूजियम की गैलरी खाली है। इस गैलरी में ऐतिहासिक मूर्तियों को रखा जाना है, लेकिन इसके अभाव में यहां पर उनकी तस्वीरों से काम चलाया जा रहा है, जिससे यहां आनेवाले दर्शक निराश हो रहे हैं, लेकिन अब उनके लिए खुशखबरी है। थानों के मालखानों में कैद क्फ्वीं शताब्दी की मूर्तियां अब स्टेट म्यूजियम की शोभा बढ़ाएंगी। झारखंड के विभिन्न थानों के मालखानों में बंद मूर्तियों को निकाला जाएगा। पौराणिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण मूर्तियां स्टेट म्यूजियम लाई जाएंगी। स्टेट म्यूजियम के अधिकारियों ने बताया कि स्टेट म्यूजियम के स्कल्पचर गैलरी में ऐतिहासिक प्रतिमाओं को रखा जाना है, लेकिन ये प्रतिमाएं झारखंड के विभिन्न जगहों पर थानों से लेकर घरों में लोग रखे हुए हैं। इन मूर्तियों को स्टेट म्यूजियम में लाने की तैयारी हो रही है। इसे लेकर कला संस्कृति की विभाग की ओर से शनिवार को मुख्य सचिव और झारखंड के डीजीपी को भी लेटर ि1लखा गया है।

भ्00 से अधिक धरोहर थानों में कैद

पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि झारखंड के विभिन्न थानों के मालखानों में तीन हजार साल पुरानी मूर्तियां, ताम्रपत्र, कांसे के बर्तन और पौराणिक धरोहरों को जब्त करके रखा गया है। ख्00फ् में तत्कालीन डीजीपी ने सभी रेंज के डीआईजी और एसपी को निर्देश दिया था कि थानों में मालखानों में रखी गई धरोहरों को नजदीकी म्यूजियम को सौंप दिया जाए, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हुआ। पुलिस मैनुअल के अनुसार भी नियम है कि जब्त किए गए पुरावशेष, कलाकृतियों और मूर्तियां जो दावा रहित हैं, उन्हें मालखाने में रखने की बजाय गवर्नमेंट म्यूजियम में रखना है। लेकिन झारखंड में इस मैनुअल का पालन थानों ने नहीं किया है।

ख्0क्क् में बनी थी योजना

फरवरी ख्0क्क् में रांची में हुए फ्ब्वें नेशनल गेम्स के दौरान ही राज्य के विभिन्न थानों में रखी गई मूर्तियों को स्टेट म्यूजियम में लाने की योजना बनी थी, लेकिन यह योजना पूरी नहीं हो पाई। लेकिन अब पुरातत्व विभाग और स्टेट म्यूजियम इसे पूरा करने में लगा हुआ है। चतरा के इटखोरी में क्म् साल पहले खुदाई में क्फ्वीं शताब्दी की सैकड़ों मूर्तियां मिली थीं। यह मूर्तियां अब भी वहां के मालखाने में पड़ी हुई हैं। पुरातत्व विभाग इन मूर्तियों को स्टेट म्यूजियम में लाने की तैयारी कर रहा है। यह मूर्तियां हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म से संबंधित हैं।

पुरातात्विक एक्ट नहीं होना बड़ी बाधा

झारखंड गठन के क्भ् साल के बाद भी यहां पुरातात्विक एक्ट नहीं बन सका है, जिस कारण पौराणिक मूर्तियों और कलाकृतियों को जब्त करने में परेशानी होती है। अगर यह एक्ट बन जाएगा तो क्00 साल पुरानी किसी भी मूर्ति, अवशेष और ताम्रपत्र सहित किसी भी धरोहर को सरकार का पुरातत्व विभाग अपने कब्जे में ले सकता है।

ऐतिहासिक मूर्तियां दिखेंगी

स्टेट म्यूजियम में झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में खुदाई और थानों के मालखानों में रखी हुई मूर्तियों और कलाकृतियों को स्टेट म्यूजियम में लाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए मुख्य सचिव और डीजीपी से गुहार लगाई गई है कि वे विभिन्न थानों के मालखानों में रखी मूर्तियों को स्टेट म्यूजियम को सौंप दें। इसके अलावा विभिन्न स्रोतों से प्राप्त अनेक महत्वपूर्ण मूर्तियों को प्रदर्शित करने की भी तैयारी चल रही है। स्टेट म्यूजियम में हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म से संबंधित अनेक प्रतिमाएं संग्रहित हैं, जिसमें सूर्य, शिव, विष्णु और जैन तीर्थकरों की प्रतिमाएं महत्वपूर्ण हैं।

मो। शरफउद्दीन, अध्यक्ष, स्टेट म्यूजियम, होटवार