नई दिल्ली (पीटीआई)। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने खुलासा किया कि 2014 में इंग्लैंड के एक कठिन दौरे के दौरान वह डिप्रेशन से जूझ रहे थे। उस दौरे पर बल्ले से लगातार असफल रहने के बाद विराट खुद को "दुनिया का सबसे अकेला आदमी" महसूस करने लगे थे। 'नॉट जस्ट क्रिकेट' पॉडकास्ट पर इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी मार्क निकोलस के साथ बातचीत में, कोहली ने स्वीकार किया कि इंग्लैंड के उस कठिन दौरे के दौरान उन्हें काफी मुश्किलों से गुजरना पड़ा।

विराट ने याद किया वो इंग्लैंड दौरा
विराट से जब पूछा गया कि, क्या वह डिप्रेशन का शिकार थे। उन्होंने हां में जवाब दिया। विराट ने कहा, "यह काफी कठिन दौर होता है जब आप सुबह उठते हैं और आप जानते हैं कि आप रन नहीं बना पा रहे। मुझे लगता है कि सभी बल्लेबाजों ने यह महसूस किया है कि किसी समय आप किसी भी चीज पर नियंत्रण में नहीं हैं।' कोहली के लिए साल 2014 में इंग्लैंड टूर किसी बुरे सपने से कम नहीं था। 10 टेस्ट मैचों में विराट ने 10 पारियों में सिर्फ 13.50 की औसत से 5, 1, 8, 25, 0, 39, 28, 0,7, 6 और 20 के स्कोर बनाए थे। हालांकि बाद में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कोहली ने टेस्ट सीरीज में 692 रन ठोंककर जबरदस्त वापसी की।

पड़ गए थे अकेले
इंग्लैंड दौरे के बारे में उन्होंने कहा, "आप समझ नहीं पा रहे हैं कि यह कैसे खत्म हो जाए। यह एक ऐसा दौर था जब मैं सचमुच चीजों को उलटने के लिए कुछ नहीं कर सकता था। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं दुनिया का सबसे अकेला आदमी हूं।" विराट ने माना उस वक्त उन्हें पेशेवर मदद की जरूरत थी। आधुनिक क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक माने जाने वाले भारतीय कप्तान का मानना ​​है कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि वे किसी व्यक्ति के करियर को नष्ट कर सकते हैं।

डिप्रेशन एक बड़ा मुद्दा है
कोहली ने कहा, 'डिप्रेशन एक बड़ा मुद्दा है। नींद आने में भी मुश्किल होती है, आपको लगता है कि आप सुबह जागना नहीं चाहते। बहुत से लोग लंबे समय तक इस भावना से पीड़ित रहते हैं। यह महीनों तक चलता रहता है। यह पूरे क्रिकेट सत्र के लिए चलता है। लोग इससे बाहर नहीं निकल पाते हैं।" कोहली इस समय इंग्लैंड के खिलाफ चल रही घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए अहमदाबाद में हैं। दोनों टीमों ने एक-एक मैच जीता है और 24 फरवरी से तीसरा टेस्ट खेला जाएगा।

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