नई दिल्ली (पीटीआई)। 2019 वर्ल्डकप सेमीफाइनल कौन भूल सकता है। भारत बनाम न्यूजीलैंड के बीच खेला गया ये मुकाबला दो दिन तक चला था, विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया वर्ल्डकप ट्राॅफी से बस दो कदम दूर थी। मगर कीवियों ने सेमीफाइनल में जब टीम इंडिया की जीत का रथ रोका तो करोड़ों फैंस के दिल टूट गए। हार से निराश और हताश भारतीय खिलाड़ी भी हुए। विराट कोहली ने इंडिया टुडे से बातचीत में उस हार से जुड़ा एक बड़ा राज उजागर किया है।

अहंकार के चलते टूटा गुरुर

न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल हारने के बाद ड्रेसिंग रूम का माहौल कैसा था। इसका जवाब देते हुए विराट ने कहा, वह हार से काफी दुखी थे मगर सबसे ज्यादा इस बात का दुख था कि वो मुश्किल दौर में फंसी टीम इंडिया को बाहर नहीं निकाल पाए। विराट कहते हैं, 'क्या मैं भी असफलताओं से प्रभावित हो जाता हूँ। हां मैं होता हूं। हर कोई होता है। दिन के अंत में, मुझे पता है कि मेरी टीम को मेरी आवश्यकता होगी। मेरे दिल में यह भावना प्रबल थी कि मैं नाॅट आउट वापस लौटूंगा और भारत को उस कठिन दौर से निकाल लूंगा। लेकिन यह मेरा अहंकार था क्योंकि आप कुछ इस तरह की भविष्यवाणी कैसे कर सकते हैं? आप केवल एक मजबूत भावना रख सकते हैं या शायद ऐसा कुछ करने की तीव्र इच्छा थी।'

हार से नफरत है विराट को

विराट कोहली जिस तरह से मैदान में अग्रेसिव रहते हैं, वह जीत के लिए काफी एक्साइटेड रहते हैं मगर हर बार जीत मिले ऐसा संभव नहीं। हार मिलने पर विराट का रिएक्शन कैसा होता है। इस पर भारतीय कप्तान ने कहा, 'मुझे हार से नफरत है। मैं बाहर नहीं जाना चाहता और कहता हूं कि मैं यह कर सकता था। जब मैं मैदान पर कदम रखता हूं, तो यह सौभाग्य की बात है। जब मैं बाहर निकलता हूं, तो मैं शून्य ऊर्जा प्राप्त करना चाहता हूं। हम एक विरासत छोड़ना चाहते हैं जो भविष्य के क्रिकेटर्स कहेंगे कि हम उसी तरह खेलना चाहते हैं।'

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